नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेठी की स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा अमेठी मे सांसद खेल प्रतियोगिता-2023 के आयोजन के लिए उन्हें बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि अमेठी के भी युवा खिलाड़ी आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेडल जरूर जीतेंगे। अमेठी सांसद खेल प्रतियोगिता के समापन सत्र को वीडियो संदेश के जरिए पीएम संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में खेलों के लिए ये महीना बड़ा शुभ है। हमारे खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में मेडल की सेंचुरी लगा दी है। इन आयोजनों के बीच अमेठी के खिलाड़ियों ने भी खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। सांसद खेल-कूद प्रतियोगिता में शामिल हुए सभी खिलाड़ियों को वे बधाई देते हैं। इस प्रतियोगिता से आपको जो नई ऊर्जा और आत्मविश्वास मिला है, उसे आप भी महसूस करते होंगे, पूरे क्षेत्र के भी लोग महसूस करते होंगे।
पीएम ने कहा कि बीते 25 दिनों में आपको जो अनुभव मिला है, वो आपके स्पोर्टिंग करियर की बहुत बड़ी पूंजी है। वे आज हर उस व्यक्ति को भी बधाई देते हैं, जिसने शिक्षक की भूमिका में, निरीक्षक की भूमिका में, स्कूल एवं कॉलेज के प्रतिनिधि की भूमिका में, इस महा अभियान से जुड़कर इन युवा खिलाड़ियों को समर्थन एवं प्रोत्साहन दिया है। एक लाख से ज्यादा खिलाड़ियों का जुटना, वो भी इतने छोटे से एरिया में यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है और इसके लिए वह विशेष रूप से अमेठी की सांसद बहन स्मृति ईरानी को शुभकामना देते हैं, जिन्होंने इस आयोजन को इतना सफल बनाया।
प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों द्वारा चलाए जा रहे अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के सैकड़ों सांसदों ने अपने-अपने क्षेत्र में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कर समाज और देश के विकास का नया रास्ता तैयार किया है। इन प्रयासों का परिणाम देश को आने वाले वर्षों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। उन्हें विश्वास है कि अमेठी के भी युवा खिलाड़ी आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेडल जरूर जीतेंगे और इसमें इस प्रतियोगिता से मिला अनुभव भी बहुत काम आएगा।
प्रधानमंत्री ने खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए आगे कहा कि जब कोई खिलाड़ी मैदान में उतरता है तो उसका सिर्फ एक ही लक्ष्य होता है वो कैसे खुद को, अपनी टीम को विजयी बनाए। आज पूरा देश खिलाड़ियों की तरह ही सोच रहा है। खिलाड़ी भी जब खेलते हैं तो राष्ट्र प्रथम की सोच रखते हैं। उस क्षण वो सब कुछ दांव पर लगाकर देश के लिए ही खेलते हैं, इस समय देश भी एक बड़ा लक्ष्य लेकर चल रहा है। भारत को विकसित बनाने में देश के हर जिले के हर नागरिक की भूमिका है। इसके लिए हर क्षेत्र को एक भाव, एक लक्ष्य और एक संकल्प से आगे बढ़ना पड़ेगा। इसी सोच से सरकार देश में युवाओं के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम और खेलो इंडिया गेम्स जैसी योजनाएं चला रही हैं। आज सैकड़ों एथलीट्स को टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के तहत देश विदेश में ट्रेनिंग और कोचिंग दिलाई जा रही है। इन प्लेयर्स को करोड़ों रूपये की सहायता दी जा रही है। खेलो इंडिया गेम्स के तहत भी 3 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों को 50 हजार रूपए महीने की मदद दी जा रही है। इससे वो अपनी ट्रेनिंग, डाइट, कोचिंग, किट, जरूरी इक्विपमेंट्स और अन्य खर्च पूरा कर पा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बदलते हुए आज के भारत में छोटे-छोटे शहरों के टेलेंट को खुलकर आगे आने का मौका मिल रहा है। अगर आज स्टार्ट अप्स में भारत का इतना नाम है, तो उसमें छोटे शहरों के स्टार्ट अप्स की बड़ी भूमिका है। बीते वर्षों में आपने देखा होगा कि स्पोर्ट्स की दुनिया में छा जाने वाले बहुत सारे नाम, छोटे शहरों से ही निकलकर आए हैं। ये इसलिए हुआ है क्योंकि आज भारत में पूरी पारदर्शिता से युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। एशियन गेम्स में भी मेडल जीतने वाले एथलीट्स बहुत बड़े बड़े शहरों से नहीं आए हैं। इनमें से बहुत से खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों से ही हैं। उनकी प्रतिभा का सम्मान करते हुए हमने उन्हें हर संभव सुविधाएं दी हैं। उसका परिणाम इन एथलीट्स ने दिया है। हमारे उत्तर प्रदेश की अन्नू रानी, पारुल चौधरी के प्रदर्शन ने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। इसी धरती ने देश को सुधा सिंह जैसी एथलीट भी दी हैं। हमें ऐसे ही टैलेंट को बाहर निकालकर, उसे निखारकर आगे बढ़ाना है। और ये ‘सांसद खेल प्रतियोगिता’ इसका भी बहुत बड़ा माध्यम है।