लखनऊ। केंद्र सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले के बाद लगातार इसके श्रेय को लेकर राजनीतिक दलों में होड़ लग गई है। हर पार्टी का कहना है कि जातीय जनगणना करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया गया। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जातीय जनगणना वंचितों और शोषितों के लिए एक बड़ा कदम है। कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि आजादी के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है।
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देश में पहली बार आजादी के बाद 1931 के बाद जातीय जनगणना कराने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है। इस बात को आज ही नहीं, पिछली बार सत्ता में रहने के दौरान भी कहा था। जिसकी कभी भी जातीय जनगणना पर जुबान नहीं खुली, वो आज इसका श्रेय लेने की होड़ में शामिल होना चाह रहे हैं। अखिलेश यादव पांच साल मुख्यमंत्री थे, उस दौरान इस पर कभी कुछ भी नहीं बोले। एक भी साक्ष्य दें कि प्रधानमंत्री जी से मिलने के बाद जातीय जनगणना की सिफारिश की हो। उन्होंने कहा कि नीतीश जी ने जो भी हो सका, सही या गलत, जातीय जनगणना करवाई, लेकिन अखिलेश ने ऐसा कुछ नहीं किया।
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जो फैसला एनडीए सरकार ने लिया है, वो गरीब, कमजोर, पिछड़े, दलित और वंचित वर्ग के हित में है। जातीय जनगणना से उनको भी लाभ जरूर मिलेगा। अब आगे रोहिणी आयोग की रिपोर्ट लागू होगी। अभी न तो राहुल गांधी की जुबान पर है, न तो अखिलेश की जुबान पर है और न ही मायावती इस पर बात कर रही हैं। जैसे ही रोहिणी आयोग की रिपोर्ट लागू होगी, तब उसका श्रेय लेने के लिए फिर से हल्ला बोलेंगे कि हमने दबाव बनाया, इसलिए यह लागू किया गया। राजभर ने आगे कहा कि दिल्ली में मैंने ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जनता से करवाने के लिए प्रस्ताव रखा, अब ये लागू होगा, फिर ये कहेंगे मैंने करवा दिया। कैबिनेट मंत्री राजभर ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जो भी अकाउंट बैन किए गए, वो देशहित के लिए हैं और जो भी कदम उठाए गए, हम उसके साथ हैं।