नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दलित विरोधी बताते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केजरीवाल के घर के बाहर पेंशन की मांगों को लेकर धरना दे रहे बौद्ध बिहार के भिक्षुओं, वाल्मीकि और रविदास समाज के मंदिरों के पुजारियों के वीडियो साझा किए। जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा, “अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उन्होंने बुद्ध विहार और वाल्मीकि और रविदास मंदिरों के बारे में ऐसी कोई घोषणा नहीं की। यह एक बार फिर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की दलित विरोधी सोच को उजागर करता है। उनकी दलित विरोधी मानसिकता किसी से छिपी नहीं है। इसके कई उदाहरण पहले भी सामने आ चुके हैं।” उन्होंने कहा, “आप के 10 से अधिक राज्यसभा सांसदों में से एक भी एससी/एसटी, ओबीसी वर्ग से नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए दलित नेता राजेंद्र गौतम को अपने मंत्रिमंडल से अपमानित करके हटा दिया था। आप ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देकर दिल्ली में आरक्षण व्यवस्था को कमजोर कर रही है।
पिछले 10 वर्षों में विभिन्न विभागों में नियुक्त सलाहकारों में एससी, एसटी, ओबीसी की हिस्सेदारी नगण्य रही है। जाति जनगणना के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल चुप्पी साधे हुए हैं। आज जब कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज आम आदमी पार्टी द्वारा दलितों के साथ किए जा रहे अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन दलित समाज अब उनकी सतही राजनीति को अच्छी तरह समझ रहा है और इस चुनाव में अपने साथ हुए विश्वासघात के लिए उन्हें सबक सिखाने जा रहा है।”
बता दें कि दिल्ली में चुनावी माहौल के बीच अरविंद केजरीवाल पर दलित भेदभाव का आरोप लगाया गया है। बौद्ध बिहार के भिक्षुओं, वाल्मीकि और रविदास समाज के मंदिरों के पुजारियों ने केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि बौद्ध विहार, वाल्मीकि और रविदास मंदिरों तथा चर्च के पुजारियों को भी 18 हजार रुपये की सम्मान राशि दी जानी चाहिए।