नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी केस में जांच एजेंसी द्वारा जांच पूरी किए बिना अधूरी चार्जशीट दाखिल करने से अभियुक्त के डिफॉल्ट बेल मिलने का अधिकार खत्म नहीं हो जाता। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी सिर्फ आरोपित को बेल मिलने से रोकने के लिए अधूरी चार्जशीट दायर नहीं कर सकती। ट्रायल कोर्ट ऐसे केस में जमानत दे सकते हैं।
डिफॉल्ट बेल यानी जब निश्चित समय सीमा में चार्जशीट दायर न होने पर आरोपित स्वत: जमानत का अधिकारी हो जाता है। अधिकतर आपराधिक मामलों में ये समय सीमा 60 दिन की है। संगीन अपराध के मामलों में चार्जशीट दायर करने के लिए समय सीमा 90 दिन तक होती है।