मुजफ्फरनगर-किसान से उसकी जमीन की पैमाइश करने के नाम पर ₹40000 की रिश्वत लेने का मामला उजागर होने पर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने सख्त एक्शन लिया है। जिलाधिकारी के आदेश पर लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है।
रॉयल बुलेटिन ने 6 अप्रैल को ‘मुजफ्फरनगर में लेखपाल ने नहीं की जमीन की पैमाइश, किसान ने वापस मांगी रिश्वत, ऑडियो हो गया वायरल‘ शीर्षक से एक समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें मोरना क्षेत्र में कृषि भूमि की पैमाइश करने के नाम पर लेखपाल को रिश्वत देने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि किसान से रिश्वत लेने के बावजूद भी लेखपाल महीनों से उसका काम नहीं कर रहे हैं, किसान ने लेखपाल से अपनी रिश्वत वापस मांगी थी, जिसका ऑडियो भी वायरल हो गया था।
मामला थाना ककरौली क्षेत्र के गांव टंढ़ेड़ा निवासी गुलशेर से जुड़ा हुआ है। गुलशेर का कृषि भूमि के बंटवारे का विवाद चल रहा है, जिसकी जांच हल्का लेखपाल द्वारा की जा रही है। गुलशेर ने आरोप लगाया था कि लेखपाल ने भूमि की पैमाइश के लिए दो महीने पहले उससे ₹40000 की रिश्वत मांगी थी। एक व्यक्ति के माध्यम से लेखपाल ने रिश्वत के पैसे ले लिए थे लेकिन बार-बार कहने के बाद भी लेखपाल जमीन की पैमाइश नहीं कर रहा था। पैमाइश ना होने पर गुलशन ने लेखपाल से रिश्वत की रकम वापस मांगी तो लेखपाल रकम वापस लौटाने में बहाने बनाने लगा।
गुलशेर और लेखपाल के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी इंटरनेट पर वायरल हो गया था, ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन भी किया था और लेखपाल के भ्रष्टाचार के खिलाफ जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग की थी।
रॉयल बुलेटिन ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, इसके बाद जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने खबर का संज्ञान लेते हुए जानसठ के एसडीएम जयेंद्र कुमार को तत्काल मामले की जांच करने के निर्देश दिए। एसडीएम ने जांच में पाया कि लेखपाल ने किसान से भूमि पैमाइश के नाम पर रिश्वत ली थी, जिसका ऑडियो वायरल हुआ है, जिसके बाद जिलाधिकारी के सख्त रुख को देखते हुए लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया है। जिलाधिकारी की सख्ती से तहसील में हड़कंप मच गया है।