Thursday, January 23, 2025

मोदी का ध्यान कार्यक्रम आध्यात्मिक जागृति व विश्वास का विषय, विरोध करने वाले नासमझ हैं- आचार्य प्रमोद कृष्णम

नई दिल्ली। कन्याकुमारी के विवेकानंद मेमोरियल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ध्यान कार्यक्रम का विरोध करने वालों पर पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कटाक्ष किया है।

 

प्रमोद कृष्णम ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी आध्यात्मिक शक्ति हासिल करने के लिए ध्यान करने जा रहे हैं, यह आध्यात्मिक जागृति और विश्वास का विषय है। ये बात आसानी से समझ नहीं आएगी। इसीलिए कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले नासमझ हैं।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि 2024 का यह चुनाव ‘धर्मयुद्ध’ है। इस धर्मयुद्ध में एक तरफ वे लोग हैं जो धर्म के साथ हैं और दूसरी तरफ वे हैं, जो धर्म को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आसुरी शक्तियों से लड़ने और उनका विनाश करने के लिए एक आध्यात्मिक शक्ति की जरूरत होती है। इसके लिए प्रधानमंत्री वहां ध्यान लगाने जा रहे हैं, जहां विवेकानंद ने ध्यान लगाया था।

 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अंतिम चरण का चुनाव प्रचार थमने के बाद कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में दो दिन ध्यान लगाएंगे। उनके प्रवास के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 2,000 पुलिसकर्मियों के अलावा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां कड़ी निगरानी रखेंगी। अधिकारियों ने बुधवार को तैयारियां परखीं। मोदी उसी स्थान पर ध्यान लगाएंगे, जहां स्वामी विवेकानंद ने तीन दिन तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इसी ध्यान कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि ये चुनाव आचार संहिता का सीधा-सीधा उल्लंघन है। चुनाव प्रचार थमने के बाद मोदी ध्यान के जरिये चुनावी प्रतिबंधों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मीडिया द्वारा मोदी के इस ध्यान लगाने के कार्यक्रम का प्रसारण न किया जाए, क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन करता है। उधर, तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने कहा है कि यदि मोदी का ध्यान कार्यक्रम प्रसारित हुआ तो पार्टी चुनाव आयोग से शिकायत करेगी।

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