नई दिल्ली। उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद उन पर लग रहे आरोपों का जवाब दिया है। अडाणी समूह ने 2019 से अपनी कंपनियों में बेची गई कुल 2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का ब्योरा दिया है। समूह ने बताया कि किस तरह इस राशि का 2.55 अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) हिस्सा दोबारा व्यापार में लगाया गया।
अडाणी समूह ने एक बयान में कहा कि साल 2019 से अबतक उसे अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने से 2.87 बिलियन डॉलर मिले हैं। समूह ने इनमें से 2.55 अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) को विभिन्न व्यवसायों में लगाया है।
कंपनी ने कहा कि इस राशि को नए कारोबार के विकास और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडाणी पावर लिमिटेड जैसी कंपनियों की वृद्धि को गति देने के लिए प्रवर्तक संस्थाओं ने दोबारा निवेश किया।
समूह ने कहा कि इन सभी लेन-देन की जानकारी सार्वजनिक रूप से दी गई है। बयान में कहा गया है कि अडाणी की कंपनियों में प्रवर्तकों की पर्याप्त हिस्सेदारी है, जो समय के साथ बढ़ी है। ऐसा इक्विटी बिक्री के जरिए मिली राशि के निवेश की वजह से हुआ। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावे के जवाब में अडाणी समूह ने यह जानकारी दी है।
दरअसल, अमेरिकी वित्तीय कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया था कि ‘बेनामी कंपनियों’ के जरिए समूह में 20,000 करोड़ रुपये आए हैं।