Sunday, July 7, 2024

शुक्रतीर्थ में कार्तिक गंगा स्नान मेले के बाद सफाई में जुटा प्रशासन, स्वच्छता बनी चुनौती

मोरना। शुकतीर्थ में कार्तिक गंगा स्नान मेले के बाद मंगलवार को तंबू नगरी में वीरानी छा गई तथा गंगा घाट सुनसान नजर आये। सफाई के लिये कोई ठोस अतिरिक्त व्यवस्था न होने से मेले के बाद चारों ओर फैली गंदगी को हटाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। मुख्य मार्ग से जहां गंदगी के ढ़ेरों को साफ किया जा रहा है। वहीं कूड़े के ढ़ेर में तब्दील हुई पराली को जलाया जा रहा है। नागरिकों ने पराली जलाने से फैल रहे धुएँ को लेकर नाराजगी जताते हुए शीघ्र स्वच्छता की मांग प्रशासन से की है। वहीं मेले में दुकान लगाने वालों ने बिक्री न होने पर गहरी मायूसी जाहिर की है।

प्राचीन तीर्थनगरी के सबसे बड़े आयोजन कार्तिक गंगा स्नान मेले का समापन हो गया है, जिसके लिए मेले के आयोजन में जिला पंचायत ने सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया है। मंगलवार को तीर्थनगरी में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

गंगा घाट पर जाने वाले मार्ग से गंदगी को हटाना शुरू किया गया है। मुख्य मार्ग सहित मीना बाजार में मेला स्थल पर अभी भी भारी गंदगी का बोलबाला है। मेला ग्राउंड पर दूर तक फैली गंदगी पॉलिथीन में बंद सड रहे खाद्य पदार्थों को आवारा गोवंश निगल रहा है।

आवारा गोवंश का झुंड कूड़े के ढेरो पर गंदगी निगलने को मजबूर है। नागरिकों ने प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान को नाकामी व लचर बताते हुए तीर्थनगरी में शीघ्र स्वच्छता की मांग की है। नागरिकों ने बताया कि मुख्य मार्गों के

साथ-साथ गलियों में फैली गंदगी को भी शीघ्र साफ किया जाए। वहीं गंगा किनारे पर भारी संख्या में पॉली बैग तथा पॉलिथीन आदि कचरा पड़ा हुआ है, जिससे गंगा दूषित हो रही है। पॉलिथीन आदि गंगा में जाने से जलीय जंतुओं पर विपरीत असर पढऩे की आशंका पैदा हो गई है।

कार्तिक गंगा स्नान मेले में नहीं हुई दुकानदारी, मायूस लौटे दुकानदार

कार्तिक गंगा स्नान मेले के दौरान लगने वाली मीना बाजार में मंगलवार को दुकानदार अपना सामान समेटने में व्यस्त रहे। टपकती बारिश की बूंद के बीच दुकानदार तेजी से अपना सामान समेटने में जुटे थे। दुकानदार रमेश, मनोज, बाबू, भूरा, आशु ने बताया कि मेले में मात्र 3० प्रतिशत सामान की बिक्री हुई है। जिला पंचायत द्वारा 1०० रूपये प्रति मी. के हिसाब से शुल्क देने के बाद जिन व्यक्तियों के मकान हैं, उन व्यक्तियों ने भी दो से तीन हजार रूपये दुकानदारों से शुल्क वसूला है। सामान लाने व ले जाने का ट्रांसपोर्ट का खर्च अलग से है।

गंगा स्नान मेले का बदलना होगा स्वरूप
आधुनिक युग में जहां प्रत्येक क्षेत्र में तेजी से बदलाव हुआ है। वहीं मेले में भी बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस बार मेले में स्वरूप में बदलाव की काफी उम्मीदें बंधी थी, किंतु पुराने ढर्रे पर चल रहा प्रशासन नया कुछ भी नहीं करना चाहता है, जिस कारण मेले में उत्साह नहीं बढ़ रहा है। मेले को किसी एक निश्चित स्थान पर आयोजित करने के साथ-साथ बड़े सांस्कृतिक आयोजनों की मेले में व्यवस्था करनी होगी।

योगी सरकार से काफी उम्मीदें
प्रदेश की योगी सरकार से काफी आशाएं नागरिकों व साधु संतों को है। कार्तिक पूर्णिमा व ज्येष्ठ गंगा दशहरे पर आयोजित होने वाले मेलों की शोभा बढ़ाने व उनके स्वरूप को नयापन देने तथा स्वच्छता व सुंदरता बढ़ाने की बाट क्षेत्रवासी जोह रहे हैं। मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए अभी सार्थक व गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है। योजनाबद्ध तरीके से तीर्थनगरी में दोनों मेलों का आयोजन होने से तीर्थनगरी की प्रसिद्धि तो होगी ही साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,098FansLike
5,351FollowersFollow
64,950SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय