Saturday, November 2, 2024

नये अंदाज से अपनाएं वैवाहिक जीवन को !

अक्सर देखा गया है कि शादी के दो या तीन सालों बाद पति-पत्नी में संबंध मधुर व सामान्य नहीं रह पाते हैं।
कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो तीन से चार साल के विवाहित जीवन में बड़े कड़वे अनुभव सामने आने लगते हैं जो सभ्य समाज के लिए हानिकारक हैं। कभी-कभी यह देखा गया है कि पत्नी पड़ोस की महिलाओं में बैठकर अपने पति की कमजोरियों का बखान करती रहती है।

तमाम खुशियां घर में होते हुए भी दिल में एक कसक सी महसूस करती हैं।
पत्नी का प्रत्येक दिन सुबह जल्दी से उठना, उठकर फिर दैनिक कार्य निबटाना, रसोई से लेकर पति के ऑफिस जाने तक का कार्य सम्भालना उसके दिलो-दिमाग पर गहरा असर डालता है। ऐसे में फुर्सत के क्षणों का मिलना और भी कठिन हो जाता है।

घर परिवार व ससुराल की जिम्मेदारी निभाते-निभाते पत्नी ऊब जाती है। उसकी मानसिक स्थिति बिगडऩे लगती है। गुस्सा, खीज व काम की थकान स्पष्ट रूप से चेहरे पर आनी शुरू हो जाती है।
ऐसे में पति को चाहिए कि पत्नी की मानसिक स्थिति को समझे और उसके कार्यों में हाथ बटाएं। उसकी बातों पर गौर फरमायें। पत्नी को फुर्सत के क्षणों में प्यार करें व प्यार भरी बातों से दिल बहलायें।

वैज्ञानिकों और पुराने बुजुर्गों का मत है कि जवानी में सेक्स एक आनंददायक अनुभूति है जो दो से तीन वर्षों तक चरम सीमा पर होती है। इसके बाद इसमें धीरे-धीरे कमी आनी शुरू हो जाती हैं। ऐसे में संयम बनाये रखना और भी जरूरी है।
दांपत्य को सुचारू बनाने के लिये जरूरी है पत्नी को कहीं अच्छे स्थलों पर ले जाएं। हनीमून मनाने के लिये बाहर ले जाना और भी सुखद होता है। पुरानी परम्पराओं को निभाते हुए आधुनिक समाज के तौर-तरीकों से पूर्ण होकर जीने का अंदाज बनाएं। ब्यूटी पार्लर जाएं, बालों की सैटिंग चेहरे के अनुसार करवाएं।

पति को लुभाने के लिए आकर्षक अदाएं सीखें। कुछ योग भी करें, स्लिम बनें। पति को भी चाहिए कि छुट्टियों के दिनों में पत्नी को बाहर ले जाएं और किसी अच्छे होटल या रेस्टोरेंट में मनपसंद भोजन करवायें। घर की समस्याओं को मिल-बैठकर आपसी तालमेल से सुलझाएं।

अगर कभी किसी बात पर गुस्सा भी आ जाए तो एक साथी चुप रहकर शांति से काम निबटाए। बाद में स्थिति का अहसास करायें ताकि ठंडे दिमाग में जीवन साथी आपकी बातों का महत्त्व जान सके। गुस्से में बहस करने से अक्सर बात बिगड़ जाती है इसलिए सद्बुद्धि का उपयोग करना भी सीखें।

पत्नी हमेशा जीवन की लंबी गाड़ी है जो दु:ख सुख की बराबर हिस्सेदार होती है, इसलिए पति-पत्नी प्यार से हर तकलीफ सहते हुए सबके भले की सोचें और अपनी जिंदगी को भी सुंदर ढंग चलाएं। यही कुछ बातें हैं जो वैवाहिक जीवन को निरंतर नयापन देंगी व जीवन की गाड़ी लम्बी अवधि तक चलाने में मदद कर सकती हैं।
-आर. पी. भारद्वाज

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