छिलकों से मित्रता करने वाले व्यक्ति सदैव सुखी, स्वस्थ तथा सुन्दर होते हैं। उन्हें इतना पता होना चाहिए कि छिलकों का महत्व क्या है तथा कैसे इन्हें प्रयोग में लाएं। आज इसी पर कुछ टिप्स प्रस्तुत करते हैं यहां-
– जिसे सांस लेने से मुंह से दुर्गंन्ध आने का रोग हो जाए, वह तो सामने वाले से बात करते समय भी बड़ी दुविधा में फंस जाता है। ऐसा व्यक्ति यदि अनार के छिलकों को पानी में उबालकर, ठंडा कर उससे कुल्ले करे तो दुर्गंध आने की समस्या खत्म होगी तथा मनोबल बढ़ेगा।
– स्वास्थ्य तथा सौंदर्य, दोनों साथ-साथ चलते हैं। संतरे तथा नीबू के छिलकों को सुखाकर, कूटकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को दही में डालकर उबटन बनाकर, चेहरे पर लगाएं। चेहरे पर झाइयां नहीं रहेंगी। मुंहासे खत्म होंगे। मन को खुशी होगी। सौंदर्य के साथ स्वास्थ्य बढ़ता जाएगा।
– लौकी का सेवन, लौकी का दूध (रस) सेवन करने से स्वास्थ्य में तेजी से वृद्धि होती है। अनेक रोग खत्म हो जाते हैं। और यदि लौकी के छिलकों को चेहरे पर मलें-रगड़ें तो चेहरे की आभा बढ़ जाती है।
– चेहरे पर दाग-धब्बे होंगे तो मन भी बुझा-बुझा रहेगा। ऐसा न हो, इसके लिए अनार के छिलकों को सुखाकर, पीसकर पेस्ट के तौर पर चेहरे पर लगाएं। चेहरा साफ हो जाएगा। मन खुश तो स्वास्थ्य बेहतर।
– दांतों पर पीलापन छाने लगे तो व्यक्तित्व में गिरावट आती है और उदास मन से स्वास्थ्य भी बिगड़ता है। इसके लिए कागजी नीबू के सूखे छिलकों से बना चूर्ण दांतो पर मंजन की तरह लगाकर दांत चमका लें।
– फलों का प्रयोग करें। सलाद खाएं। इन फलों तथा सब्जियों के नियमित सेवन से स्वास्थ्य तो उत्तम होगा ही, इनके छिलकों से बना उबटन, पेस्ट, मंजन सौंदर्य में वृद्धि करने का उत्तम काम करता है। अत: छिलकों वाली दालें, फल तथा इनके छिलके विभिन्न प्रकार से प्रयोग कर स्वास्थ्य तथा सौंदर्य में वृद्धि करना सम्भव है।
सुदर्शन भाटिया – विभूति फीचर्स