Friday, April 26, 2024

20 दिनों से गायब अधिवक्ता सुरेन्द्र को पुलिस ने खोज निकाला, खुद के अपहरण का किया था ड्रामा

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वाराणसी। पिछले 20 दिनों से गायब लखनपुर, भुल्लनपुर निवासी अधिवक्ता सुरेंद्र पटेल को मंड़ुवाडीह पुलिस ने प्रयागराज से सकुशल बरामद कर लिया। पूछताछ में सनसनीखेज सच सामने आया कि अधिवक्ता ने खुद के अपहरण का ड्रामा रचाया था। अधिवक्ता ने कई लोगों से कर्ज लिया था। कर्जदारों के तगादे से बचने के लिए उसने सोची समझी योजना के तहत नाटकीय ढंग से अपने अपहरण की कहानी बना दी।

बीते 27 मार्च को सुरेंद्र पटेल संदिग्ध परिस्थितियों में फुलवरियां रेलवे क्रॉसिंग से गायब हो गया था। अधिवक्ता ने अपने बड़े भाई को मोबाइल से मैसेज किया था कि मेरी जान बचा लो। इस संदेश से परिजनों में कोहराम मच गया। परिवार के लोग उसकी तलाश में जुटे गए लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पा रहा था। परिजनों ने अन्य अधिवक्ताओं के साथ मंड़ुवाडीह पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने खोजबीन के बाद अधिवक्ता की बाइक तो बरामद कर ली लेकिन अधिवक्ता का कोई सुराग अभी तक नहीं लगा। धीरे-धीरे दिन बीतने लगा तो परिजनों ने पुलिस अफसरों के साथ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से सम्पर्क किया। अधिवक्ता भी इस मामले में लामबंद होकर न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन करने लगे। अधिवक्ताओं के प्रदर्शन से दबाब में आई पुलिस भी अधिवक्ता की खोजबीन में जुटी रही।

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इसी दौरान बार के पदाधिकारियों ने वाराणसी आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सर्किट हाउस में मुलाकात की और पुलिस अफसरों की शिकायत कर अधिवक्ता के सकुशल बरामदगी के लिए गुहार लगाई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस अफसरों ने इस मामले में मंडुवाडीह पुलिस के अलावा सर्विलांस और एसओजी की तीन टीम गठित की। गठित टीम ने अधिवक्ता की तलाश शुरू कर दी।

डीसीपी वरुणा जोन श्याम नारायण सिंह व एडीसीपी वरुणा जोन क अनुसार छानबीन में सामने आया कि अधिवक्ता सुरेंद्र ने काफी कर्ज लिया था। इस दिशा में छानबीन होते ही पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस अफसरों के अनुसार अधिवक्ता सुरेंद्र को तकनीकी साक्ष्यों की मदद से 15 अप्रैल को प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास से सकुशल बरामद किया गया। पूछताछ में अधिवक्ता ने बताया कि उसने कई बैंकों से ऋण लिया था। ऑनलाइन गेमिंग में भी काफी रुपये हार गया था। इसलिए उसने अपने अपहरण का ड्रामा रचा। पुलिस टीम से पूछताछ में सुरेन्द्र पटेल ने बताया कि सुरेंद्र पटेल ने 20 मार्च को प्लान के तहत ओएलएक्स से पुराना मोबाइल खरीदा और उसी दिन उसमें नया सिम लगाया लेकिन किसी से वार्ता नहीं की। 27 मार्च को मोबाइल (नया व पुराना) बन्द रखा। फिर 28 मार्च को बिजनौर में नया मोबाइल ऑन किया।

 

हरियाणा, पंजाब व गुजरात होते हुए 04 अप्रैल को वह मुम्बई गया। मुम्बई में 14 अप्रैल तक रहा और उसके बाद वह मध्य प्रदेश आया। मध्य प्रदेश में नया मोबाइल बन्द कर पुराना मोबाइल ऑन किया। अधिवक्ता का लोकेशन मिलने पर महाराष्ट्र व ग्वालियर के लिए पुलिस टीम रवाना हुई। तीसरी टीम (सर्विलांस, एसओजी व थाना मण्डुवाडीह) तकनीकी निगरानी से जनपद प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास से उसे बरामद कर लिया। वार्ता में सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुरलीधर सिंह और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। नाटकीय तरीके से गायब हुए अधिवक्ता को ढ़ूंढ निकालने वाले सर्विलांस प्रभारी इंस्पेक्टर दिनेश यादव, एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्रा व मंडुवाडीह थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर भरत उपाध्याय और उनकी टीम को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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