नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश से जगह-जगह जलभराव के बाद दिल्ली सरकार ने आपात बैठक बुलाई। इसमें कई अहम फैसले लिए गए। दिल्ली सरकार के मुताबिक पिछले 90 सालों में ऐसी बारिश देखने को नहीं मिली थी। मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने दिल्ली सरकार की तैयारियों का आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि कई ड्रेनों में जलभराव के कारण ओवरफ्लो होने के चलते पानी सड़कों पर आ गया और आम जनता को दिक्कतें हो रही हैं।
दिल्ली में 24 घंटे में 228 एमएम बारिश हुई है। इतनी भीषण बारिश पिछले 90 वर्षों में नहीं हुई थी। दिल्ली में मानसून के सीजन में लगभग 800 एमएम बारिश होती है और पिछले 24 घंटे में ही 25 प्रतिशत बारिश हो गई। इस वजह से दिल्ली में कई जगहों में जलभराव हो गया। ड्रेन से भी पानी बाहर आने लगा। इतनी भीषण बारिश और कई स्थानों पर जलभराव के बाद हमने एक आपात बैठक बुलाई। बैठक में दिल्ली सरकार के चार मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इसमें दिल्ली सरकार के कई बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में कई फैसले लिए गए हैं। पीडब्ल्यूडी का एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, इसमें 24 घंटे अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस कंट्रोल रूम में एमसीडी और पीडब्ल्यूडी और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे। सभी विभागों के पंप रात दस बजे तक चेक किए जाएंगे। मोबाइल पंप का भी रिव्यू किया जाएगा।
सभी विभाग क्विक रिस्पांस टीम का गठन करेंगे। दिल्ली सरकार के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस, स्थानीय पार्षदों और विधायकों को कहा गया है कि जहां-जहां जलभराव की समस्या आई है, उसकी लिस्ट दें। मुख्य सचिव को भी कहा गया है कि सूची आने के बाद संबंधित विभागों के साथ बैठकर समस्या को सुलझाया जाए। दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि दिल्ली के 11 जगहों के लिए एक-एक री-साइकलर मशीन की खरीद कर लें, इससे बड़े लेवल की ब्लॉकेज को ख़त्म किया जा सके। सीवर विभाग को कॉन्ट्रैक्ट लेबर का इंतजाम करने को कहा गया है।
पीडब्ल्यूडी ने कॉमन कंट्रोल रूम बनाया है, इसका नंबर 1800110093 है। इस नंबर पर कॉल करके जलभराव आदि की जानकारी दी जा सकती है। इसके साथ ही 8130188222 पर व्हाट्सएप करके जलभराव की जानकारी दे सकते हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक सबसे ज्यादा बारिश साउथ दिल्ली में हुई है। इस वजह से वहां कई जगहों पर काफी ज्यादा जलभराव हुआ है। बारापुला नाले की एक दीवार टूट गई है। वहां एजेंसियों को काम पर लगा दिया गया है।