कैराना। फ्रांस सरकार द्वारा हिजाब के बाद “अबाया” पर भी प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में निरंतर तत्पर सामाजिक संगठन ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन पत्र तहसीलदार कैराना को सौंपा।
शुक्रवार को फ्रांस सरकार द्वारा मुस्लिम विरोधी कानून बनाने के विरोध में निरंतर तत्पर सामाजिक संगठन के अध्यक्ष शमून उस्मानी के नेतृत्व में संगठन के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन पत्र तहसीलदार कैराना अर्जुन चौहान को सौंपा।
ज्ञापन पत्र में कहा गया है कि फ्रांस सरकार द्वारा लगातार मुस्लिम विरोधी कानून पारित करके मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है। पूर्व में कार्टून बनाकर करोड़ों मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया जा चुका है। उसके बाद ओछी मानसिकता का परिचय देते हुए फ्रांस में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अब फ्रांस सरकार ने एक बार फिर अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर फ्रांस में”अबाया” पर प्रतिबंध लगा दिया है,जिससे मुस्लिम समाज में आक्रोश है।
फ्रांस के शिक्षा मंत्री ग्रेबियल अटल ने कहा है कि स्कूलों में मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला “अबाया”को प्रतिबंध किया गया है, क्योंकि यह ड्रेस फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष कानून का उल्लंघन करती है।शमून उस्मानी ने कहा कि फ्रांस में हिजाब पर पहले ही प्रतिबंध लग चुका है, अब “अबाया” पर प्रतिबंध लगाना नागरिक अधिकारों की स्तंत्रता पर हमला है।अभिव्यक्ति की आजादी के नाम अश्लील कपड़े पहनने की अनुमति दे दी जाती है और अपने शरीर को ढकने वाली महिलाओं पर आपत्ति जताई जाती है।
उन्होंने भारत सरकार से सख्त कदम उठाते हुए फ्रांस के राजदूत को तलब कर अबाया पर लगाई गई पाबंदी को समाप्त कराने अन्यथा फ्रांस के राजदूत को वापस फ्रांस भेजने की मांग की है। ज्ञापन पत्र फरमान सिद्दीकी, उमैर खान,कुर्रत मेहदी,सुहैब अंसारी, शेरम अंसारी,तालिब मआज आदि के हस्ताक्षरयुक्त है।