Tuesday, May 6, 2025

इतने साल बाद राहुल गांधी के माफी मात्र से कम नहीं होगा सिख दंगा पीड़ितों का दर्द : कृष्णा हेगड़े

मुंबई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 1984 के सिख दंगों के लिए माफी मांगने वाले बयान पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने सोमवार को कहा कि इतनी देर से माफी मांगने से पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल सकता। शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा, “1984 के सिख दंगों के दौरान हजारों सिखों की हत्या हुई थी और उस समय राजीव गांधी ने कहा था कि ‘जब बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है’, जो बेहद अनुचित बयान था। अब राहुल गांधी ने 40 साल बाद माफी मांगी है, यह ठीक है। लेकिन इतनी देर से माफी मांगने पर पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिल सकता। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनकी पीड़ा आज भी बनी हुई है, और माफी मात्र से वह दर्द खत्म नहीं हो सकता।” दरअसल, कांग्रेस सांसद ने कहा था, “1984 के दंगों के समय मैं नहीं था, लेकिन कांग्रेस से जितनी भी गलतियां हुई हैं, उसकी मैं जिम्मेदारी लेता हूं।” उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के राफेल पर नींबू-मिर्च लगाने वाले बयान पर हेगड़े ने कहा, “अजय राय का राफेल पर नींबू-मिर्च लगाने वाला बयान बेहद घटिया है। ऐसे नाजुक समय में सभी दलों को सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। इससे पहले भी कांग्रेस नेता पाकिस्तान की भाषा बोलते रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

देश की जनता ऐसे नेताओं को माफ नहीं करेगी।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “असल में कांग्रेस पर ही मिर्ची लगी हुई है, क्योंकि न तो वह जमीनी स्तर पर सक्रिय है और न ही जनता के बीच कोई काम कर रही है।” दुश्मन को करारा जवाब देने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर शिवसेना नेता ने कहा, “राजनाथ सिंह का बयान बिल्कुल सही और देश की भावना के अनुरूप है। पूरे देश की यही सोच है कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए और ईंट का जवाब पत्थर से मिलना चाहिए। पहले भी भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से कड़ा संदेश दिया है। अलग-अलग अवसरों पर पाकिस्तान को जवाब दिया गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा है कि अधर्म के विरुद्ध धर्म के अनुसार कार्य करना होगा और पाकिस्तान को उसी तरह से जवाब देना होगा, जैसा वह व्यवहार करता है।” भारत की तीनों सेनाओं को खुली छूट देने का जिक्र करते हुए हेगड़े ने कहा, “प्रधानमंत्री ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों को और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को पूरी स्वतंत्रता दी है। देश की सुरक्षा के लिए सभी प्रमुखों को फ्री हैंड मिला है, जिससे वे किसी भी समय, किसी भी स्तर पर और जितनी गहराई से चाहें, कार्रवाई कर सकते हैं। अब निर्णय लेना सेना के प्रमुखों का काम है कि कब और कैसे जवाब देना है। यह निर्णय देश की सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और सरकार ने इसका पूरा अधिकार सेना को दिया है।”

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