गाजियाबाद। गाजीपुर थाना क्षेत्र के नाले में बुधवार रात खोड़ा निवासी मां-बेटा तनुजा (22) और प्रियांशु (3) की गिरने से मौत होने के बाद उनके घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। आस-पड़ोस के लोग घर के बाहर खड़े होकर दुख व्यक्त कर रहे थे। महिलाएं और युवतियों में एमसीडी के अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा था। महिलाओं का आरोप था कि पहले भी नाले में गिरने से हादसे हो चुके हैं लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों ने सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया। तनुजा के देवर ने बताया कि भाभी इकलौते बेटे को स्कूल की ड्रेस दिलाने के लिए बाजार जा रही थीं। उधर, घटनास्थल पर दिल्ली पुलिस की टीम ने जांच की।
चाचा करन ने बताया कि भाई गोविंद ने प्रियांशु का घर के पास स्कूल में दाखिला कराया था। उसकी ड्रेस लेने के लिए भाभी तनुजा पैदल-पैदल ही गाजीपुर की तरफ जा रही थीं। घर से करीब 500 मीटर दूर आंबेडकर नगर गेट से निकलते ही झमाझम बारिश से खस्ताहल सड़क पर जलभराव हो था, जिससे वह नाले को भी नहीं देख पाई थीं। उनके आगे-आगे चल रहा प्रियांशु सबसे पहले नाले में गिरा तो वह भी उसे बचाने के लिए नाले में गिर पड़ीं। स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया लेकिन, दोनों पानी के बहाव से रैंप के नीचे फंस गए। खोड़ा थाना प्रभारी आनंद प्रकाश मिश्र और दमकलकर्मी पीयूष कुमार, लोकेश कुमार व एफएसओ मूलचंद ने झमाझम बारिश के दौरान रैंप का सरिया काटा, जिसके बाद गाजीपुर पुलिस मां-बेटे को लेकर दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
उधर, पड़ोसी बोबी ने बताया कि हादसे से पहले तनुजा उनकी बेटी को घर की चाबी देकर गई थीं। उन्हें नहीं पता था कि वह अब कभी नहीं लौटेंगी। रात नाै बजे कॉलोनी में हादसे की सूचना मिलने पर सभी मौके पर पहुंचे लेकिन, वहां पुलिस और अधिकारियों को देखकर सब लौट गए। पड़ोसियों का कहना था कि तनुजा काफी सौम्य स्वभाव की थीं। वह कभी किसी से झगड़ा या विवाद नहीं करती थीं। हादसे में उनकी मौत से कॉलोनी के लोग दुखी थे। पड़ोसी सीतू ने बताया कि गोविंद करीब पांच साल पहले यहां खोड़ा में तनुजा के पिता के मकान में रहने आए थे। घर में सिर्फ चार लोग रहते हैं। वे लंबे समय के लिए घर से बाहर नहीं निकलते थे। वह सभी खुले नाले से काफी परेशान हैं। कई बार दिल्ली एमसीडी के अधिकारियों से नाले को कवर करने की मांग कर चुके हैं।