इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों पर उत्पीड़न का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब अहमदिया मुसलमानों पर ईद मनाने और कुर्बानी देने पर रोक लगा देने का मामला सामने आया है, जिससे यह समुदाय गुरुवार को बकरीद का त्यौहार नहीं मना पाया है। ईद मनाने और कुर्बानी देने पर उन्हें कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी।
पाकिस्तान का अहमदिया समुदाय काफी लंबे समय से शोषण और अत्याचार का शिकार है। समुदाय के लोगों और उनकी संपत्ति, इबादत स्थल और कब्रिस्तानों पर हमले होते रहते हैं। इतना ही नहीं, पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों को सोशल मीडिया पर कुरान की आयतें शेयर करने या कब्र के पत्थरों पर कलमा लिखने की भी अनुमति नहीं है। अब नए फरमान से वे ईद भी नहीं मना पाए।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने अहमदिया मुसलमानों को कुर्बानी देने और ईद उल अजहा मनाने से रोकने के निर्देश जारी किए थे। इसके लिए बाकायदा स्थानीय पुलिस थानों को एक आदेश भेजकर पुलिस कर्मियों से अहमदिया मुसलमानों को कुर्बानी देने से रोकने के लिए कहा गया था।
अहमदिया मुसलमानों को ईद मनाने व कुर्बानी देने से रोकने संबंधी आदेश में कहा गया है कि अहमदिया मुसलमानों द्वारा ईद मनाना और कुर्बानी देना अन्य मुसलमानों के लिए अपमानजनक होगा। इस नोटिस में कहा गया है कि अगर समुदाय से संबंधित कोई व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसे जेल या वित्तीय दंड का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इससे तनाव पैदा होगा और चरमपंथी तत्वों को फायदा होगा। विभिन्न अनुमानों के अनुसार अहमदिया समुदाय के लोगों की संख्या पाकिस्तान की आबादी का महज 0.22 से 2.2 प्रतिशत के बीच है। इसलिए अक्सर उन्हें धार्मिक उत्पीड़न और भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।