लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार द्वारा प्रदेश के रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड शराब बेचने की अनुमति देने पर कहा कि क्या अब भाजपा सरकार के पास प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन बनाने के लिए यही रास्ता बचा है।
उन्होंने कहा कि इसका मतलब तो यही हुआ कि प्रदेश में लाखों-करोड़ों के निवेश का जो दावा किया गया, वो झूठा है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा है, “प्रिय प्रदेशवासियों, उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार के पास एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए क्या यही एक रास्ता बचा है कि शराब रेलवे, मेट्रो स्टेशन व क्रूज पर बेची जाए। इसका मतलब ये हुआ कि लाखों-करोड़ों के निवेश के जो भी दावे किए गए थे, वो सब झूठे साबित हुए हैं, तभी तो सरकार ऐसे अनैतिक रास्तों को अपना रही है। आज शराब बिक रही है कल को दूसरे और भी मादक पदार्थ सार्वजनिक जगहों पर बेचे जाएंगे। अगर भाजपाई समझते हैं कि शराबखोरी इतनी ही अच्छी है तो अपने कार्यालयों से बेचें, सार्वजनिक स्थलों को अराजकता और अपराध का केंद्र न बनाएं। सरकार ऐसे फैसलों से घर-परिवार को बर्बाद न करे। महिलाएं और बच्चे जानते हैं कि शराब किस प्रकार घरेलू हिंसा से लेकर सार्वजनिक हिंसा का कारण बनती है और युवाओं के लिए घातक साबित होती है। इस फैसले के विरोध में प्रदेश की महिलाएं, परिवारवाले और युवा, भाजपा को हटाने का फैसला करेंगे। शराब और अपराध का गहरा संबंध होता है। ये भाजपा राज में अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के जीरो हो जाने का एक और उदाहरण बनेगा।”
उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर निशाना साधा कहा कि उप्र में अस्पताल के वार्डों में कुत्ते, परिसर में सांड और एंबुलेंस ख़राब और नदारद है। जांच-दवाई, डॉक्टर और स्टाफ़ कुछ नहीं है। जनता पूछ रही है कि उप्र में कोई स्वास्थ्य मंत्री है भी या नहीं?
उन्होंने कहा, भाजपा सरकार में उप्र में एक भी नया ज़िला अस्पताल क्यों नहीं बना। दवाई की क़िल्लत कब दूर होगी। जांच की मशीनें कब ठीक होंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय दवाई व जांच माफ़ियाओं से सांठगांठ, डॉक्टरों की नियुक्ति-तबादले में घपले के अलावा भी कोई काम करेगा या नहीं। प्राइवेट एंबुलेंसवालों से लेन-देन के बदले भाजपावाले कब तक मुफ़्त एंबुलेंस को चलने नहीं देंगे। जनता ही अगले चुनाव में भाजपा सरकार का पूरा, पक्का और तसल्लीबख़्श इलाज करेगी।