वाराणसी। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। दरबार में विधि विधान से दर्शन पूजन के बाद सपा प्रमुख मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ कॉरिडोर बनने का जब निर्णय हुआ तो प्रदेश में सपा की सरकार थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि विश्वनाथ धाम बनाने की समाजवादी पार्टी की योजना थी। भाजपा के केंद्रीय मंत्री ने ही मुझसे कहा ठेका देने को और मैंने दिया। उन्होंने कहा कि वाराणसी में भूमिगत बिजली समाजवादी ने ही दी है। अडानी प्रकरण से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि खराब वक्त में ही दोस्ती की पहचान होती है। भाजपा को अपने दोस्त की पहचान करनी चाहिए और उनके साथ खड़े रहना चाहिए।
आज से शुरू ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि इससे क्या मिलेगा ? जबतक जमीन, बिजली, पानी नहीं देंगे तो वो क्यों इन्वेस्ट करेंगे। हमारे बाबा सीएम के सामने दिल्ली वालों ने मुसीबत खड़ी कर दी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार झोला लेकर विदेश में जा रही है और इन्वेस्टमेंट मांग रही है। दुनिया ऐसी बने कि हमारे लोगों को भी मौका मिले। उन्होंने कहा कि 2024 में भाजपा सरकार जाएगी। मैंने बाबा विश्वनाथ से यही मांगा कि जनता के लिए अच्छा रास्ता खुले।
पत्रकारों से बातचीत से बाद सपा प्रमुख पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ठठेरी बाजार की गलियों में भी घूमे। दो दिवसीय वाराणसी दौरे के पहले दिन गुरूवार देर शाम अखिलेश यादव ने श्री संकटमोचन दरबार में भी दर्शन पूजन किया। अखिलेश यादव ने मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र का भी आशीर्वाद लिया।
इस दौरान पूरा संकट मोचन दरबार जय सियाराम के जयघोष से गूंज उठा। अखिलेश यादव ने दर्शन पूजन के बाद महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र से कमरे में बातचीत भी की।
इसके बाद अस्सी स्थित पप्पू अड़ी पर पी नींबू की चाय पिया। अखिलेश यादव ने चाय बनाने की रेसिपी भी पूछी। चाय बनाने वाले मनोज से पूछा, इसमें क्या-क्या पड़ा है। मनोज ने बताया चाय, चीनी, अदरक, नींबू, हाजमोला, काला नमक। अखिलेश ने पूछा हींग भी है, दुकानदार बोला, नहीं। इसके बाद अखिलेश ने दुकान पर नजर घुमाया तो देखा कि दीवार पर लगी सभी फोटो बीजेपी नेताओं की हैं।
अखिलेश ने पूछा कि इसमें केवल बीजेपी की ही फोटो लगी हैं, तो मनोज ने कहा कि आप पहली बार आए हैं, तो अब आपकी भी फोटो लगेगी।