प्रयागराज/लखनऊ। महाकुंभ नगर में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी पूरी कैबिनेट के साथ ऐतिहासिक बैठक करेंगे। इसके बाद सभी मंत्री संगम में स्नान कर आस्था और जनकल्याण की कामना करेंगे। कैबिनेट बैठक के दौरान युवाओं और शहरों के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यह बैठक संगम तट पर आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य आस्था और विकास को एक साथ पुख्ता करना है। कैबिनेट बैठक में प्रमुख प्रस्तावों में 25 लाख युवाओं को स्मार्टफोन वितरण के लिए खरीद प्रक्रिया को मंजूरी देना शामिल है। इसके अलावा, प्रयागराज, आगरा और वाराणसी नगर निगम की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बांड जारी करने का प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा।
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आम तौर पर कैबिनेट बैठकों में केवल कैबिनेट मंत्री या स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री ही भाग लेते हैं। लेकिन इस बार आस्था के इस महोत्सव में सरकार की सामूहिक भागीदारी दिखाने के लिए सभी 54 मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कैबिनेट बैठक को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कुंभ और प्रयागराज जैसे पवित्र स्थानों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। अखिलेश ने कहा, “कुंभ और संगम वह स्थान हैं जहां आस्था से जुड़े कार्यक्रम होने चाहिए, न कि राजनीतिक निर्णय। यह बैठक केवल राजनीतिक संदेश देने का प्रयास है।”
उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग गंगा स्नान और आस्था में विश्वास रखते हैं, लेकिन इसका प्रचार-प्रसार नहीं करते।
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्य संगम में स्नान करेंगे। इस आयोजन को आस्था और सामूहिकता का प्रतीक माना जा रहा है। संगम तट पर यह आयोजन सरकार के विकास और जनकल्याण के संदेश को मजबूत करने का प्रयास है।
महाकुंभ के इस आयोजन के साथ योगी सरकार अपने एजेंडे को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है, जबकि विपक्ष इस पर सवाल उठाकर इसे राजनीतिक करार दे रहा है।