मुजफ्फरनगर। जनपद के ट्रांसपोर्टनगर के परिसर में आज अखिल भारतीय जाट एकता एसोसियेशन के तत्वाधान में वीरों की शहादत कार्यक्रम में परम श्रद्धेय, जाट शिरोमणि, प्लूटो/यूलीसिस उपाधि से जाने वाले महाराजा सूरजमल सिंह के बलिदान दिवस, खालसा पंथ के दशम गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादो व माता गुजरी के शहादत सप्ताह तथा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जो किसान मसीहा, कुशल प्रशासक, वंचितों के हितचिंतक थे, के स्मरण में श्रद्धासुमन अर्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता ज्ञानी हरजीत सिंह, गुरु सिंह सभा मुजफ्फरनगर एवं गजेन्द्र सिंह प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय जाट एकता एसोसियेशन द्वारा की गई। सभा में भारी संख्या में उपस्थित समाज के गणमान्य लोगों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए महापुरषों द्वारा स्थापित जीवन मूल्यों एवं कर्त्तव्यों के पालन करने का संकल्प लिया।
ज्ञानी हरजीत सिंह द्वारा गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार की शहादत के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी का आभार प्रकट किया। करणसिंह, अशोक कुमार बालियान, संजीव सरोहा, भूपेंद्र सिंह वर्मा समेत सभी ने महापुरषों के जीवन पर प्रकाश डाला। सरदार हरजीत सिंह गुराया, प्रधान गुरु सिंह सभा मुजफ्फरनगर ने अपने संबोधन में सहादात देने वाले साहिबजादों की उम्र के आलोक में उनके धैर्य, साहस एवं वीरता पूर्ण प्रदर्शन को सर्वोत्तम बलिदान बताते हुए अपने इतिहास को जानने एवं समाज हित में कार्य करने के लिए संकल्प लेने का आवाह्न किया।
अनिल कुमार आर्य प्रबंध निदेशक मनलाइट पब्लिक स्कूल, सिसौली ने 25 दिसंबर को शहादत दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाये जाने का आवाह्न किया। गजेंद्र सिंह अध्यक्ष अखिल भारतीय जाट एकता एसोसियेशन ने अपने सम्बोधन में महाराजा सूरजमल जी, गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों व माता गुजरी की शहादत व चौ चरण सिंह जी को नमन व श्रद्धाजंलि के साथ बच्चो व परिवारजनों सहित अपने इतिहास के साथ साथ महापुरुषो से अवगत कराने तथा देश, धर्म व संस्कृति के प्रति समर्पित रहने को अपरिहार्य बताया। डा0 बी0 एस0 बालियान ने सभा का संचालन करते हुए सभी महापुरषों के बलिदान के विषय में विस्तार से वर्णन कर सभी उपस्थित महानुभावों का धन्यवाद व आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम के आयोजन में अजित राठी, विपिन बालियान, अक्षय बाना, रविन्द्र सिंह, सुनील चौधरी, मनोज ठाकरान, अनुज ठाकरान, चांद मियां, अनुज काकरान, राजेन्द्र पंवार, बबलेन्द्र बालियान, सरदार मोहन सिंह, प्रमोद लाठियान, विकास अग्रवाल का विशेष योगदान रहा। अंत में महापुरुषो के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने व जलपान के साथ सभा का समापन हुआ।