नयी दिल्ली – सरकार ने आज विपक्ष को भरोसा दिलाया कि वह हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और विपक्ष को सरकार को सहयाेग देने के साथ साथ उस पर विश्वास करना चाहिए जबकि विपक्ष ने केन्द्र और मणिपुर सरकार पर स्थिति से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए वहां सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग की।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए शनिवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
बैठक में श्री शाह के अलावा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा , संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, कांग्रेस के ओकराम इबोबी सिंह, द्रमुक के तिरूचि शिवा , तृणमूल कांगेस के डेरेक ओ ब्रायन,मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड के संगमा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के जॉन ब्रिटास , राजद के मनोज झा, शिव सेना उद्धव ठाकरे की प्रियंका चतुर्वेदी और अन्ना द्रमुक के एम थम्बीदुरैई आदि नेताओं ने हिस्सा लिया।
गृह मंत्रालय के सूत्रोंं अनुसार बैठक में मंत्रालय की ओर से एक प्रस्तुति दी गयी जिसमें यह बताया गया था कि यह परिस्थिति कैसे बनी और सरकार इससे निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है।
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि सरकार की ओर से कहा गया कि वह स्थिति से निपटने तथा वहां स्थिति सामान्य बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है और विपक्ष को सरकार पर विश्वास करना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि हिंसा को रोकने तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है।
बैठक में समूचे विपक्ष ने मणिपुर में हिंसा पर अपनी चिंता व्यक्त की। विपक्षी नेताओं ने इस मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी हैरानी जतायी। विपक्ष ने मणिपुर की स्थिति का जायजा लेने के लिए सर्वदीय शिष्टमंडल वहां भेजने की भी मांग की। विपक्ष ने यह भी कहा कि राज्य के लोगोंं का वहां के राजनीतिक नेतृत्व में भरोसा नहीं रहा है और इसे देखते हुए वहां नेतृत्व के बदलाव किया जाना चाहिए।
सरकार की ओर से कहा गया कि वह विपक्षी नेताओं की सभी बातों तथा सुझावोंं पर खुले मन से विचार करेगी तथा स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में हर संभव प्रयास करेगी।