मेरठ। आज यहां एक ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज को दहेज एवं नशा जैसी सामाजिक कुरीतियों से मुक्त करने की दिशा में जनसहभागिता को बढ़ावा देना था।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य केवल एक विश्व कीर्तिमान बनाना नहीं था, बल्कि समाज को शिक्षित, जागरूक एवं संवेदनशील बनाना था। यदि हम सभी एकजुट होकर नशा और दहेज जैसी कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लें, तो हम एक सशक्त, विकसित एवं समरस समाज की नींव रख सकते हैं। पढ़ेगा भारत, तभी तो बढ़ेगा भारत। शिक्षा ही समाज को प्रगति की ओर ले जाने का सबसे प्रभावी माध्यम है। आइए, इस बदलाव का हिस्सा बनें और मिलकर एक बेहतर भविष्य का निर्माण करें।
विश्वविद्यालय प्रवक्ता ने बताया कि विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध महाविद्यालयों में लाखों विद्यार्थियों, शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे यह एक ऐतिहासिक आंदोलन बन गया। कार्यक्रम के तहत सुबह 11 बजे से 12 बजे तक विश्वविद्यालय परिसरों एवं संबद्ध महाविद्यालयों में सामूहिक पुस्तक पाठन का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों, शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।
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दोपहर 12ः15 बजे, दहेज मुक्त भारत एवं नशा मुक्त भारत की सामूहिक शपथ ली गई, जिसमें एक स्वर में समाज सुधार का संकल्प लिया गया। अभियान में डिजिटल भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए विशेष गूगल फॉर्म एवं बारकोड जारी किया गया, जिसे शिक्षकों, छात्रों, कर्मचारियों के अलावा उनके परिवार एवं मित्रों ने भरकर अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों एवं विभागों में छात्रों एवं शिक्षकों ने विभिन्न साहित्यिक, शैक्षिक एवं प्रेरणादायक पुस्तकों का अध्ययन कर ज्ञान की शक्ति को आत्मसात किया।