Tuesday, April 8, 2025

कुंभ में 30 करोड़ कमाने वाला ‘योगी’ का हीरो ‘नाविक’ निकला ‘माफिया’,अतीक का था साथी, महाकवि निराला के पोते की भी की थी हत्या !

प्रयागराज- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में महाकुंभ में 30 करोड़ कमाने पर जिस नाविक की तारीफ़ की थी, वो एक बड़ा माफिया निकला। एक समय अतीक का साथी रहा यह माफिया महाकवि सूर्यकान्त निराला के पोते की हत्या में भी शामिल रहा था।  योगी की पुलिस ने ही इस महाकुंभ में उसके खिलाफ नाविकों से अवैध वसूली का मुकदमा दर्ज किया था।

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योगी ने विधानसभा में कहा था कि ‘मैं एक नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी बता रहा हूं, जिनके पास 130 नौकाएं हैं। प्रयागराज महाकुंभ के 45 दिन में इन्होंने शुद्ध बचत 30 करोड़ रुपए की। यानी एक नाव से रोज 50 से 52 हजार रुपए इनकम थी।’

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद योगी के इस हीरो की चर्चा हर तरफ फ़ैल गई तो जो खुलासा हुआ उसने सारे मामले को ही पलट कर रख दिया, सच्चाई सामने आई कि इस नाविक समेत इसका पूरा परिवार ही माफिया है और योगी की पुलिस ने भी इसी महाकुंभ में इसके खिलाफ नाविकों से अवैध वसूली का मुकदमा दर्ज किया था।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाम लिए बिना जिस पिंटू माहरा की तारीफ़ की थी,उसका असली नाम अमित माहरा उर्फ़ पिंटू है, करीब तैंतालीस साल के पिंटू के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी मांगने समेत गंभीर किस्म के 21 क्रिमिनल केस दर्ज हैं, उसके खिलाफ साल 2010 और 2016 में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई थी,इसके अलावा साल 2013 और 2015 में गुंडा एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था, वह कई बार जेल जा चुका है, कई सालों तक जेल में रहने के बाद वह कुछ महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया है, आरोप है कि जेल में रहते हुए भी वह लोगों को धमकाने का काम करता था। 11 फरवरी को इसी महाकुंभ में भी पिंटू माहरा के खिलाफ नाविकों से अवैध वसूली का मुकदमा दर्ज किया गया था।

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पिंटू महारा की कमाई को लेकर उठे सवालों के पीछे का गणित यह है कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने संगम तक जाने के लिए नावों का किराया 75 से 100 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया था, एक नाव पर अधिकतम आठ यात्री बैठ सकते थे और महाकुंभ के दौरान कई दिनों तक नावों का संचालन बंद भी रहा था। अगर सरकारी रेट से गणना की जाए, तो पिंटू  की 130 नावों ने रोजाना संगम के आठ चक्कर लगाए और प्रत्येक यात्रा में आठ श्रद्धालु सवार हुए और औसतन 100 रुपये किराया लिया गया, तो भी इस हिसाब से एक नाव से रोजाना 6400 रुपये की कमाई हो सकती थी, इस तरह 130 नावों से 45 दिनों में अधिकतम 3 करोड़ 74 लाख रुपये की कमाई ही संभव है, ऐसे में 30 करोड़ का आंकड़ा तभी संभव हो सकता है, जब श्रद्धालुओं से मनमाने ढंग से मोटी रकम वसूली गई हो।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विधानसभा में पिंटू की प्रशंसा किए जाने के बाद यूजर सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछ रहे है कि क्या उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी थी ? क्या अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से पिंटू का सच छुपाया ? या फिर महाकुंभ की सफलता को दर्शाने के लिए यह आंकड़ा पेश किया गया ?

जानकारी मिली है कि पिंटू समेत परिवार के ज्यादातर सदस्य शातिर अपराधी हैं, उनकी हिस्ट्री शीट है, कई सदस्य जेल जा चुके हैं, उसकी छवि दबंगों और माफियाओं की है। आरोप है कि यह परिवार सिर्फ दिखाने के लिए नाव चलाता है. जबकि इसका असली काम नाविकों से रंगदारी वसूलने का है, संगम और आसपास के घाटों पर इस परिवार का जबरदस्त आतंक है। प्रयागराज में कहा जाता है पिंटू माहरा का माफिया डॉन अतीक अहमद से भी संबंध था, माहरा अतीक के लिए भी काम करता था, कहते हैं कि कोई भी नाविक इस परिवार के सामने घुटने टेके बिना नाव नहीं चला सकता है।  दावा किया जाता है कि माहरा परिवार की दबंगई और रसूख के आगे पुलिस और प्रशासन भी ज्यादातर समय बैक फुट पर रहता है, यही वजह है कि महाकुंभ के दौरान भी देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं से नाव से यात्रा कराने के नाम पर मनमानी वसूली की गई।

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पोस्ट करते हुए लिखा, “पाताल खोजी पहले पता कर लिया करें फिर महिमा मंडन किया करें.” उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बिना जांच के पिंटू महारा को सदन में सराहा.

पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने भी पिंटू मेहरा पर आरोप लगाते हुए कहा कि महाकवि निराला जी के प्रपौत्र अखिलेश त्रिपाठी को बम मार कर सितंबर 2017 में जिस गिरोह ने हत्या किया, उसका सरगना पिंटू माहरा था! कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मुद्दे पर योगी पर कटाक्ष किया है।

वरिष्ठ पत्रकार ममता त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर महाकवि निराला के पोते की हत्या में इसके शामिल रहने पर योगी द्वारा इसकी तारीफ को लेकर तंज कसा है –

दूसरी तरफ पिंटू से जब पूरी कमाई के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि 30 करोड़ उसने अकेले नहीं, पूरे कुनबे ने मिलकर कमाए हैं। उसने कितने कमाए? इस सवाल पर कहा कि अभी हिसाब नहीं किया। इतने रुपए का करेंगे क्या? इस सवाल पर कहा, सबसे पहले कर्ज चुकाएंगे, इसके बाद अन्य कारोबार में रुपए लगाएंगे। बच्चों की पढ़ाई को बेहतर करने का काम होगा। परिवार की सुख सुविधा पर खर्च करेंगे।

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