प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के फंड घोटाले की जांच की जायेगी। हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वह डी सी पी से निष्पक्ष पारदर्शी विवेचना कराये और छह हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट पेश करें। याचिका की अगली सुनवाई 19 मई को होगी।
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यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन के बर्खास्त कर्मचारी पवन कुमार पाण्डेय की याचिका पर दिया है। याचिका पर याची के वरिष्ठ अधिवक्ता कमल कृष्ण व शैलेन्द्र कुमार अवस्थी बार एसोसिएशन के अधिवक्ता प्रीतपाल सिंह व राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व एजीए प्रथम जीपी सिंह ने बहस की।
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याची का कहना है कि उसे दुर्भावनावश झूठा फंसाया गया है। वह निर्दोष है। उसने कोई गबन नहीं किया है। इसलिए कैंट थाना प्रयागराज में 19 फरवरी 25 को दर्ज एफआईआर रद्द की जाय और उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाय।
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विरोध में कहा गया कि याची ने स्वयं ही बार एसोसिएशन के बैंक खाते में 37 लाख रूपए जमा किए हैं। बार फंड का बड़ा घपला किया गया है। जिसकी निष्पक्ष पारदर्शी विवेचना पुलिस द्वारा किया जाना जरूरी है। जिस पर कोर्ट ने डी सी पी रैंक के अधिकारी से विवेचना की प्रगति रिपोर्ट मांगी है।