Wednesday, November 20, 2024

गजब! गाजियाबाद में आरडीसी के व्यावसायिक भवनों पर लगा दिया आवासीय संपत्ति कर, दिए जांच के आदेश

गाजियाबाद। संपत्ति कर की दरें बढ़ाकर नगर निगम अपना खजाना भरने की तैयारी कर रहा है लेकिन, विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ही नगर निगम के खजाने में सेंध लगा रहे हैं। महापौर सुनीता दयाल ने निगम के संपत्ति कर विभाग का नया कारनामा उजागर किया है। राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर (आरडीसी) में व्यावसायिक भवनों पर आवासीय दरों से संपत्ति कर वसूलने का मामला सामने आने पर बृहस्पतिवार को जांच के निर्देश दिए गए। इस प्रकरण से नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को भी अवगत कराया गया है।

 

 

दरअसल, नगर निगम सड़कों की चौड़ाई के हिसाब से संपत्ति कर की दरें निर्धारित करता है। निगम के संपत्ति कर विभाग की लापरवाही का ताजा मामला कविनगर जोन के आरडीसी में सामने आया है। आरडीसी में अधिकांश व्यावसायिक भवन हैं। एक ही लाइन में सभी भवन बने हुए हैं और सभी का एक समान ही क्षेत्रफल है लेकिन, संपत्ति कर की धनराशि अलग है। शिकायतों का संज्ञान लेते हुए महापौर ने अपने स्तर पर जानकारी जुटाई तो बड़े खेल का खुलासा हुआ। प्राथमिक जांच में ही बीकानेर वाली सड़क के पास तीन-चार ऐसे भवनों की पहचान की गई जो 24 मीटर से ज्यादा चौड़ी सड़क पर स्थित हैं लेकिन, इन्हें संपत्ति कर के बिल 12 मीटर तक चौड़ी सड़क के लिए तय दरों के आधार पर भेजे गए।

 

 

इस मामले में संपत्ति कर विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और भवन मालिकों की सांठगांठ के संकेत महापौर को मिले हैं। भवन के सामने की सड़क को कम चौड़ा दर्शाया जा रहा है। भवनों का क्षेत्रफल भी कम दिखाया जा रहा है। निर्माणाधीन भवन दिखाकर संपत्ति कर से छूट दी जा रही है। सबसे बड़ी अनियमितता व्यवसायिक भवनों पर आवासीय दरों के आधार पर कम कर लगाए जाने की सामने आई है।

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