चंडीगढ़। खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह ने बुधवार को एक वीडियो संदेश जारी किया है जिसमें कई बातें कही। उसने पंजाब सरकार और पुलिस की आलोचना की, साथ ही अकाल तख्त के जत्थेदार से अनुरोध किया कि वह बैसाखी (13 अप्रैल) पर पंजाब को बचाने के लिए सरबद खालसा (सिखों की मण्डली) बुलाएं।
सोशल मीडिया पर आए इस वीडियो में अमृतपाल ने कहा कि वह 18 मार्च को पुलिस से बचने में कामयाब रहा और वह सुरक्षित है। उसने सरेंडर करने की भी इच्छा जताई। उसने कहा, अगर पंजाब सरकार का इरादा मुझे गिरफ्तार करने का होता तो पुलिस मेरे घर आती और मैं इसके लिए मान जाता। अमृतपाल ने उसके खिलाफ कार्रवाई के दौरान सिख युवकों को गिरफ्तार करने को लेकर भी पंजाब पुलिस की आलोचना की है। उसने यह भी कहा कि मेरी गिरफ्तारी ऊपरवाले के हाथ में है। कोई मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकता है। मीडिया में ऐसी भी खबरें हैं कि पंजाब पुलिस के सामने अमृतपाल ने तीन शर्तें रखी हैं।
पुलिस उसके अमृतसर में अकाल तख्त या तख्त दमदमा साहिब में आत्मसमर्पण करने की उम्मीद कर रही है। दोनों जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इससे पहले मंगलवार की रात होशियारपुर कस्बे के पास एक गांव में अमृतपाल सिंह और उसके आका पापलप्रीत सिंह ने एक बार फिर पंजाब पुलिस को चकमा दे दिया।
एक अधिकारी ने बताया कि एक इनोवा वाहन को पुलिस ने एक नाके पर रोका, लेकिन वे अंधेरे में भागने में सफल रहे। उसमें अमृतपाल सिंह सहित तीन लोग सवार थे। पुलिस फगवाड़ा से कार का पीछा कर रही थी। कार बाद में फगवाड़ा-होशियारपुर मार्ग पर गुरुद्वारा भाई चंचल सिंह के पास लावारिस हालत में मिली, जिसमें सवार लोग पैदल भाग गए। पुलिस ने होशियारपुर जिले के गांवों की घेराबंदी कर दी है और घर-घर तलाशी अभियान चला रही है।
अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह का एक वीडियो मंगलवार को सामने आया था, जिसमें वो दिल्ली की एक गली में बिना पगड़ी और मास्क के घूम रहे हैं। एक दिन पहले राज्य के महाधिवक्ता ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया था कि पुलिस अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के करीब है। हाई कोर्ट एक व्यक्ति द्वारा उसकी रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने दावा किया था कि अमृतपाल सिंह जालंधर में अवैध हिरासत में है।
महाधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है और पुलिस गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, पंजाब एक संवेदनशील चरण से गुजर रहा है और इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल है। इस तरह, दिए गए तर्कों को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उठाए गए तर्कों तक ही सीमित होना चाहिए।
दोनों पक्षों के वकील को सुनने के बाद न्यायमूर्ति एन.एस. शेखावत ने याचिकाकर्ता के वकील से सबूत दिखाने को कहा कि अमृतपाल सिंह पुलिस की अवैध हिरासत में है। उन्होंने कहा कि राज्य का स्पष्ट रुख है कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
अमृतपाल सिंह 18 मार्च से गिरफ्तारी से बच रहा है, अपना ठिकाना बार-बार बदल रहा है।