Monday, May 6, 2024

अमृतपाल ने गांव में ही बना रखी थी फायरिंग रेंज, उत्तराखंड या महाराष्ट्र में हो सकता है-गिल

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चंडीगढ़ । ऑपरेशन अमृतपाल के दौरान हिरासत में लिए 207 लोगों में से केवल तीस लोगों का अमृतपाल के साथ सीधा लिंक निकला है और वह देश विरोधी गतिविधियों में पूरी तरह से लिप्त थे।

पंजाब पुलिस के आईजी मुख्यालय सुखचैन सिंह गिल ने गुरुवार की शाम पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अब तक कुल 207 नौजवानों को पकड़ा गया है। इनमें से 30 व्यक्ति पूरी तरह से असामाजिक गतिविधियों में लिप्त मिले हैं। यह अमृतपाल के साथ मिलकर देश विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे थे।

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हिरासत में लिए गए 177 नौजवानों की वेरीफिकेशन की जा रही है। बहुत जल्द इनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। गिल ने बताया कि तरनतारन के पुलिस थाने पर हुए हमले में भी कुछ नाबालिगों को पकड़ा गया था, लेकिन उन्हें बाद में छोड़ दिया गया।

गिल ने बताया कि पंजाब पुलिस ने भगोड़े अमृतपाल का रूट पूरी तरह से ट्रैक कर लिया है। वह हरियाणा से होते हुए उत्तराखंड अथवा महाराष्ट्र की तरफ भाग सकता है। अमृतपाल का हुलिया अभी पहले जैसा है, लेकिन उसने पगड़ी पहनी है। चश्मा लगाया है। उसने अपनी मूंछों को दाढ़ी के साथ फिक्स कर दिया है।अमृतपाल बिलगा के शेखूवाल के गुरुद्वारे से लाडोवाल गया था। वहां नदी पार करने के लिए नाव ढूंढ रहा था, लेकिन वह पुराने पुल को क्रॉस करके हार्डीज वर्ल्ड में गया। वहां से ऑटो लेकर कुरुक्षेत्र के शाहाबाद आया। अमृतपाल 19 मार्च की रात को शाहाबाद में बलजीत कौर के घर रुका था।

उन्होंने बताया कि पुलिस को अमृतपाल के घर से कई तरह के वीडियो तथा फोटोग्राफ मिले हैं। अमृतपाल तथा उसके करीबियों के कब्जे से आनंदपुर खालसा फोर्स के होलोग्राम डिजाइन भी बरामद हुए हैं। पुलिस को सबूत मिले हैं कि अमृतपाल ने जल्लूपुर खेड़ा के पास फायरिंग रेंज बनाई हुई थी, जहां यह लोग हथियार चलाने की प्रैक्टिस कर रहे थे।

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