मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का एक प्रतिनिधिमंडल भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक,अशोक बालियान चेयरमैन पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मुलाकात कर कहा कि मुजफ्फरनगर-थानाभवन मार्ग के निर्माण में पूर्व उपजिलाधिकारी सदर ने सड़क के मध्य से दोनो तरफ 40 फीट के निर्माण को गिरा दिया था, जिससे कई गांव में लोगों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। वर्तमान उपजिलाधिकारी सदर द्वारा सड़क की चौड़ाई 30 फीट बताई जा रही है। दोनो अधिकारियों के निर्णय में काफी अंतर है।
प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि गलत निर्णय से निर्माण गिराने वाले अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाय। पीड़ित लोगों को मकान का। मुआवजा दिलाया जायह्य। मुआवजा न दिए जाने जाने पर सड़क का निर्माण नहीं होने देगे। इस संबंध में जल्द ही चरथावल ब्लॉक में एक पंचायत का आयोजन कर आंदोलन की घोषणा की जायेगी।
जिलाधिकारी ने इस विषय पर दो दिन में निर्णय कर कार्यवाही का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में अंकित चौधरी जिलाध्यक्ष, अक्षय त्यागी युवा जिलाध्यक्ष, कुशलवीर सिंह ब्लॉक अध्यक्ष चरथावल, नीरज मलिक ब्लॉक अध्यक्ष बघरा, दुष्यंत मलिक, बिजेंद्र बालियान, आजाद, पप्पल चौधरी, नसीम, सचिन शर्मा, अमित कुमार, दीपक भाट, कल्लू शर्मा, बारिश त्यागी, गौरव कुमार, आरिफ त्यागी, बिल्लू सभासद शशिकांत त्यागी, अनुज, कुलदीप, सनव्वर त्यागी, सन्नी त्यागी, बिल्लू त्यागी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। इस संबंध में मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र बताया गया है कि शासन ने निर्माणाधीन चरथावल मुख्य मार्ग की चौड़ाई सात मीटर के स्थान पर 1० मीटर स्वीकृत की थी। लोक निर्माण विभाग मुजफ़्फरनगर के अनुसार इस मार्ग पर पडऩे वाले दधेडू कला, दधेडू खुर्द, चरथावल, नंगला राई, बिरालसी और ज्ञानामाजरा में राजस्व विभाग की टीम ने सड़क के मध्य से दोनों तरफ 4०-4० फीट छोड़कर नाला निर्माण कराया जाएगा। दधेडू गांवों में अधिकांश लोगों ने सरकारी जमीन की जद में आने वाले मकान के हिस्सों को खुद ध्वस्त कर दिया है। शनिवार को पैमाइश में चरथावल कस्बे में सड़क पर सरकारी जमीन पर लोगों के अवैध निर्माण की बात सामने आई थी। राजस्व विभाग एवं लोनिवि मुजफ़्फरनगर की टीम की मौजूदगी में चरथावल में कमला फार्म हाउस से नहर तक पैमाइश के बाद निशानदेही कर दी गयी थी और चार दिन में अवैध कब्जा हटाने के लिए मुनादी करा दी गई थी, ताकि निर्माण में तेजी आ सके। इस घोषणा के बाद काफी लोगों ने अपने मकान व दुकान आदि तोड़कर अतिक्रमण हटा लिया था। एसडीएम सदर निकिता शर्मा ने बताया कि चरथावल में चौड़ीकरण के लिए लोनिवि के पास सड़क बनाने के लिए मध्य से दोनों तरफ 4० फिट भूमि का कोई कागजात नहीं है। उन्हें सड़क बनाने के किसी निर्माण को तोड़ने की जरूरत नहीं है। इसलिए पुराने नाले के अनुरूप सड़क निर्माण किए जाने पर सहमति बनी है। कोई निर्माण कस्बे से नहीं हटेगा। एसडीएम सदर निकिता शर्मा की इस घोषणा के बाद यह सवाल भी उठेगा कि जिन लोगों ने अपने मकान व दुकान आदि तोड़कर अतिक्रमण हटा लिया था, उनके नुकसान की भरपाई कौन देगा और यह सवाल भी उठेगा कि राजस्व विभाग एवं लोनिवि मुजफ़्फरनगर की टीम ने पहले किस आधार पर सड़क बनाने के लिए मध्य से दोनों तरफ 4० फिट भूमि को सडक की सरकारी भूमि बताया था और अब एसडीएम सदर ने सड़क बनाने के लिए मध्य से दोनों तरफ 3० फिट भूमि को सडक की सरकारी भूमि बताया है। इस प्रकरण में राजस्व विभाग एवं लोनिवि मुजफ़्फरनगर के साथ ही जिला प्रशासन की छवि खराब हुई है तथा जनता को अनावश्यक परेशान किया गया है तथा कुछ संगठनों को आन्दोलन करने का अवसर प्रदान किया गया है। इस प्रकरण की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने व यदि सड़क बनाने के लिए मध्य से दोनों तरफ 3० फिट भूमि ही सडक की सरकारी भूमि है, तो जिन लोगों का 4० फिट तक मकान व दुकान आदि तुडवाया है, उन्हें मुआवजा देने की कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करें।