नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के बच्चों को एक नया अत्याधुनिक स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस समर्पित किया है। स्कूल का निर्माण जनकपुरी की डीईएसयूू कॉलोनी में सभी आधुनिक सुविधाओं से किया गया है। इस स्कूल में आगामी सत्र से छात्र-छात्राएं दाखिला ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने स्कूल का उद्धाटन करते हुए कहा कि इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में हमारे बच्चों की प्रतिभा को बाहर लाने के लिए स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के विभिन्न स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। आज तक देश में इतना बड़ा स्कूल नहीं बना है।
यहां तक कि निजी स्कूलों के भवन भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों के भवनों जितने अच्छे नहीं होंगे। हमारे एक्सीलेंस विद्यालयों में 4,400 सीटों पर प्रवेश के लिए 96,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं, आईआईटी और मेडिकल पाठ्यक्रमों में भी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं मिलती है।
केजरीवाल ने कहा कि यह स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस नई अवधारणा पर आधारित है जिसे हमने दिल्ली में बड़े पैमाने पर शुरू किया है। इस पहल के पीछे यह विश्वास था कि प्रत्येक बच्चे में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की क्षमता है। हम मानते हैं कि भगवान ने अलग-अलग बच्चों को अलग-अलग और विशेष कौशल दिए हैं।
एक बच्चा गणित या रसायन विज्ञान में कुशल हो सकता है, दूसरा बच्चा खेल में कुशल हो सकता है और कम उम्र में ही खेल की पेचीदगियों को समझ सकता है। इसलिए, प्रत्येक बच्चे में निहित गुणवत्ता विकसित करने के लिए, हम दिल्ली भर में विभिन्न प्रकार के स्पेशलाइज्ड विद्यालयों का निर्माण कर रहे हैं।
सीएम ने आगे कहा कि इस विशेष स्कूल में यहां हमारा ध्यान इंजीनियरिंग, चिकित्सा, मानविकी और 21वीं सदी के कौशल सेट के विकास पर होगा, जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईटी और कंप्यूटर आदि। इस तरह के क्षेत्रों में रुचि रखने वाले सभी बच्चे इस स्कूल में प्रवेश ले सकते हैं और इनमें संबंधित क्षेत्रों में विशेष शिक्षा दी जाएगी। इस स्कूल में प्रवेश वह छात्र ले सकते हैं जिन्होंने आठवीं कक्षा पास कर ली हो, क्योंकि यह स्कूल कक्षा 9-12 से तक चार कक्षाओं के लिए है। रिपोर्ट के अनुसार, इस मौके पर उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे।
डिप्टी सीएम ने इस अवसर पर कहा, हमने स्कूल की जमीन को भू-माफियाओं के चंगुल से मुक्त कराया और यह सुनिश्चित किया कि सार्वजनिक भूमि पर विश्व स्तरीय स्कूल बनाए जाएं।