Wednesday, November 6, 2024

मुज़फ्फरनगर में नगरपालिका की एक और लूट खुली, टाउनहॉल में 30 के बजाय वसूले जा रहे थे कार पार्किंग के 70 रुपये

मुजफ्फरनगर- शहर के बड़े धन्ना सेठों के हाथ में नगर पालिका की कमान देकर नगर के आम नागरिक खुश हुए थे कि अब उनके शहर में विकास होगा, लेकिन पिछले लगभग डेढ़ साल का कार्यकाल यह बताता है कि भ्रष्टाचार की दरें बढ़ गई है और आम नागरिक को कोई सुविधा नहीं मिल रही है।

मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने डेढ़ साल पहले नगर की जनता से वायदा किया था कि नगर पालिका में भी भाजपा की प्रत्याशी मीनाक्षी स्वरूप को विजयी बना दे तो ट्रिपल इंजन की सरकार शहर में विकास के नए आयाम स्थापित कर देगी, खुद मीनाक्षी स्वरूप भी वायदा करती थी कि मुजफ्फरनगर को इंदौर बना देंगी।

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लेकिन डेढ़ साल की अवधि बीत जाने के बाद इस जिला मुख्यालय की स्थिति ऐसी हो गई है कि मानो यह कोई छोटा सा कस्बा है। जगह-जगह अतिक्रमण, बेतरतीब ई रिक्शा और हर तरफ गंदगी का साम्राज्य है। और तो और, जिन हिंदुओं के बलबूते इस शहर में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाई गई थी, उनके सबसे बड़े पर्व दीपावली पर भी इस बार शहर में हर जगह गंदगी का आलम छाया दिखाई दिया।

नगर पालिका में भ्रष्टाचार की भी रोज नई शिकायतें आ रही हैं। ताजा मामला टाउन हॉल में पार्किंग से जुड़ा हुआ है, जो खुद पालिका की अधिशासी अधिकारी प्रज्ञा सिंह ने पकड़ा है। नगर पालिका के मुताबिक टाउन हॉल की पार्किंग में कार से

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पार्किंग शुल्क ₹30 लिया जाना था लेकिन पार्किंग ठेकेदार ₹70 की वसूली कर रहे थे।  पालिका की नाक के ठीक नीचे दोगुनी से ज्यादा वसूली किसके इशारे पर हो रही थी, इस पर भी जिम्मेदारों को जवाब देना चाहिए।

दरअसल आज यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब टाउन हाल वाहन पार्किंग में निर्धारित से अधिक शुल्क वसूले जाने का मामला खुद ईओ प्रज्ञा सिंह ने पकड़ लिया। ईओ ने खुद पर्ची पकड़ी है, जिसमे वाहन पार्किंग में कार खड़ा करने के लिए 30 रुपए शुल्क निर्धारित था, लेकिन 70 रुपए की पर्ची काट कर अवैध वसूली की जा रही थी।

जिसके बाद ईओ ने पालिका के सभी वाहन पार्किंगों पर जांच बैठा दी है। ईओ डा. प्रज्ञा सिंह ने कर अधीक्षक नरेश शिवालिया को जांच करने के निर्देश दिए हैं। ईओ ने पर्ची और रसीद बुक को जब्त कर लिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नगरपालिका में जब तक बीजेपी की ट्रिपल इंजन की सरकार नहीं बनी थी, तब तक 12 से लेकर 17 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाता था लेकिन जबसे मीनाक्षी स्वरूप को चेयरमैन बनाया गया है, कमीशन बढ़कर 21.5 प्रतिशत हो गया है।

इसमें मजे की बात ये है कि पालिका वाले डीएम के नाम पर भी 4 प्रतिशत कमीशन वसूल रहे है जबकि डीएम उमेश मिश्रा ने आते ही साफ़ कर दिया था कि उनके पद के नाम पर न तो कोई कमीशन लेगा और न कोई देगा। डीएम की साफ़ चेतावनी के बाद भी कमीशन वसूला जा रहा है, इस सवाल पर डीएम उमेश मिश्रा साफ़ कहते है कि मीरापुर उपचुनाव के बाद जो उनके नाम पर वसूली कर रहे है, उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।

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