Thursday, January 16, 2025

आंतरिक सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं में सेना का योगदान सराहनीय : राजनाथ सिंह

पुणे। सेना दिवस के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के आत्मनिर्भरता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उन्होंने आर्मी-पैरा ओलंपिक नोड (एपीएन) का शिलान्यास किया, जो भारतीय सेना के दिव्यांग सैनिकों को प्रेरित करेगा और उन्हें पैरा ओलंपिक, कॉमनवेल्थ और एशियन पैरा गेम्स में भारत का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित करेगा। इस दौरान रक्षा मंत्री ने भारत रणभूमि दर्शन एप्लिकेशन का भी शुभारंभ किया, जिसके माध्यम से देश के नागरिक ऐतिहासिक युद्ध क्षेत्रों का सुलभता से दौरा कर सकेंगे और इन स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह एप्लिकेशन भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को समर्पित एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नागरिकों को हमारे बहादुर सैनिकों की वीरता और बलिदान से परिचित कराएगा। राजनाथ सिंह ने भारतीय थलसेना के गौरवमयी इतिहास की सराहना करते हुए कहा कि हमारी थल सेना का बड़ा गौरवमयी इतिहास रहा है और बीते आठ दशकों से हमारी थल सेना भारत की सीमाओं की सुरक्षा कर रही है।

उन्होंने कहा कि थल सेना दिवस हम सभी के लिए एक गौरवमयी दिन है और हर दिन सेना का है। रक्षा मंत्री ने आंतरिक सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं में भी सेना के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आमतौर पर जब भी भारतीय सेना का जिक्र आता है, तो लोग यही समझते हैं कि सेना हमें देश की सीमाओं पर बाहरी आक्रमण से बचाती है, लेकिन हमारी सेना का रोल सीमाओं तक ही सीमित नहीं है। रक्षा मंत्री ने बताया कि सेना की मजबूती को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है और रोज नए अत्याधुनिक बेड़े सेना में शामिल किए जा रहे हैं। हमारी सेना आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है और आज हमारे सैनिकों के हाथ में उन्नत किस्म के हथियार हैं। अग्नि वीर के बाद, हमारी सेनाओं में नया युवा जोश आया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आने वाले समय में युद्ध और संघर्ष और अधिक हिंसक और अप्रत्याशित हो सकते हैं। उन्होंने डायनेमिक जियो-पॉलिटिकल वर्ल्ड ऑर्डर और युद्ध की बदलती प्रकृति पर बात की। “हमारे लिए यह जरूरी है कि हम आधुनिक युद्ध मशीन बनाने के लिए हमेशा तैयार रहें। उन्होंने आगे कहा कि कई देशों में गैर-राज्य अभिनेता पनप रहे हैं और उनका आतंकवाद का सहारा लेना एक चिंता का विषय है। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि तकनीकी विकास के कारण भविष्य के युद्धों की तस्वीर बहुत हद तक बदलने वाली है। भविष्य में युद्ध अधिक हिंसक और अप्रत्याशित होंगे और असामान्य युद्ध तरीके बढ़ते जाएंगे।

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