मुजफ्फरनगर। जिले की अदालत ने कांग्रेस नेता और संपादक अरशद राणा समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ गैंगरेप केस में कार्यवाही किये जाने की अपील ख़ारिज कर दी है और 3 मार्च को फिर सुनवाई का आदेश दिया है।
बता दें कि पिछली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चरथावल से मैदान में डॉ. यासमीन उतरी थीं। उन्होंने 13 मार्च 2022 को अपने पति और दैनिक शाह अलर्ट के संपादक अरशद राणा और दो अन्य पर गैंगरेप सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। पुलिस ने इस मामले में विवेचना कर गैंगरेप के आरोप को काटते हुए कोर्ट में केवल अरशद राणा के खिलाफ मारपीट की धाराओं में चार्जशीट जमा की थी। पुलिस ने जांच में अरशद राणा को पत्नी से मारपीट और गाली गलौच का दोषी माना था।
इसके खिलाफ कांग्रेस नेत्री ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देते हुए पति और उसके साथियों पर गंभीर धाराओं में ही मुकदमा चलाए जाने की मांग की थी। तर्क दिया था कि आरोपी की ओर से हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए गए एफआईआर क्वेश करने के प्रार्थना पत्र को भी खारिज किया गया था।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार जाटव ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद डॉ. यासमीन के गैंगरेप के मामले में कार्यवाही किये जाने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया ।
प्रियंका गांधी से भी की गई थी शिकायत
विधानसभा चुनाव के समय चरथावल विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रही यासमीन और उनके पति के बीच विवाद गरमा गया था। यासमीन ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी से पति की शिकायत करते हुए गुहार लगाई थी कि उन्हें उसके उत्पीड़न से मुक्ति दिलाई जाए। मांग की गई थी आरोपी को उसके किए की सजा भी दिलाई जाए।