देहरादून। मुख्यमंत्री ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 17 विभागों की 8275.51 करोड़ की 122 विभिन्न योजनाओं का डिजिटल माध्यम से लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ बनाना है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का जो संकल्प लिया है, उस पर हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। आज जिन कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है उससे निश्चित ही उत्तराखंड के विकास को एक नई पहचान मिलेगी। आज का यह कार्यक्रम हमारी विकास नीति का एक उत्तम उदाहरण है, जिसमें 8000 करोड़ रुपये से भी अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इनमें 11 विभागों की 1048.15 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और 15 विभागों की 7227.36 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
मुख्यमंत्री धामी ने ऊर्जा विभाग की 2027 करोड़ की प्रिपेड मीटर योजना का भी शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को टूल किट का भी वितरण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सचिव ऊर्जा एवं एमडी पिटकुल पी.सी. ध्यानी की ओर से 05 करोड़ का लाभांश का चेक भी प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न उद्यमियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के आवंटन पत्र के साथ ही मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के व्यक्तिगत लाभार्थियों के आवंटन पत्र भी प्रदान किये। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े ये सभी विकास कार्य उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।
पिछले दो माह में लगभग 18 हजार करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास-
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश का चहूंमुखी विकास सुनिश्चित करने के लिए “विकल्प रहित संकल्प“ के मूल मंत्र के साथ काम कर रही है। अभी कल ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के लगभग 226 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। पिछले दो महीनों में टनकपुर में 2215 करोड, हरिद्वार में 5868 करोड़, चंपावत में 161 करोड़, अल्मोड़ा में 117 करोड़, पौड़ी गढ़वाल में 828 करोड़ और रुद्रप्रयाग में 456 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया। इस प्रकार पिछले दो महीने में ही 18,000 करोड़ से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। कार्य यह दर्शाते हैं कि हम उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कितनी तेजी के साथ विकास नीति पर आगे बढ़ रहे हैं।
आज के इस कार्यक्रम में सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, आवास और ग्राम्य विकास से जुड़े करोड़ों के विकास कार्यों से प्रदेश का वर्तमान बेहतर होगा। जबकि बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेज, स्पोर्ट्स स्डेडियम, ऊर्जा, डेयरी और पर्यटन से जुड़े करोड़ों के विकास कार्य आने वाले भविष्य में उत्तराखंड को सक्षम, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होंगे।
समाधान और संतुष्टि के मंत्र से बना नई कार्य संस्कृति का वातावरण-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरलीकरण, समाधान और संतुष्टि के मंत्र से नई कार्य संस्कृति का वातावरण बना है। मातृशक्ति एवं नौजवानों को रोजगार, स्वरोजगार के लिये नियोजन से जोडा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उत्तराखंड में रेल, हवाई एवं सड़क यातायात को प्रभावी बनाया गया है। टनकपुर से भी अब देहरादून के लिये ट्रेन संचालित हो गयी है। अयोध्या सहित अन्य स्थानों के लिये भी ट्रेन की सुविधा मिल रही है। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में 56 लाख श्रद्धालु आये जबकि पूर्णांगिरी मेले में भी 50 लाख लोग आये। प्रदेश में वर्षभर धार्मिक पर्यटन का संचालन हो इसके प्रयास हो रहे हैं।
एस.डी.पी. को 05 वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य-
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश की जी.एस.डी.पी. को 05 वर्षों में दुगना करने का है। प्रत्येक जिलों में 2025 तक बेस्ट प्रेक्टिस व नवाचार के रूप में क्या पहल हो सकती है इसकी भी कार्य योजना बन रही है। राज्य में जी.एस.टी. संग्रहण 23 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि प्रतिवर्ष लिये जाने वाले ऋण की धनराशि में कमी आयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में आज भारत विकास की एक अभूतपूर्व गाथा लिख रहा है। 2014 के पहले के भारत में और अब के भारत में जमीन आसमान का अंतर साफ-साफ दिखता है। हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही है। किसान से लेकर जवान तक और शहर से लेकर गांव तक हर वर्ग और क्षेत्र के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है।
यूसीसी से मुस्लिम बहनों को उत्पीड़न से मिलेगी मुक्ति-
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लेकर आयी। इस संहिता के लागू हो जाने से विशेषकर हमारी मुस्लिम बहन बेटियों को कई तरह से उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी। उन्हें बहुत सारी मुस्लिम बहनें इस संहिता को लागू करने के लिए धन्यवाद देती हैं। प्रदेश में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया, इसमें पेपर लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लग चुकी है और सभी परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की जा रही हैं। ऐसे ही हमनें लैंड जिहाद के खिलाफ मुहिम चलाई और 5000 एकड़ से अधिक की सरकारी जमीन से अवैध कब्जों को खाली करवाया।
देवभूमि में अशांति फैलाने वाले पर होगी कड़ी कार्रवाई-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास के कार्य जितने जरूरी हैं उतना ही जरूरी प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन रखना होता है। हमने पुलिस प्रशासन को इस बात के लिए खुली छूट दी है कि अगर कोई भी व्यक्ति देवभूमि उत्तराखंड में अशांति फैलाने की कोशिश करे तो उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पिछले दिनों बनभूलपुरा में कुछ असामाजिक तत्वों ने दंगे की स्थिति पैदा करने की कोशिश की। पुलिस ने एक-एक को चिन्हित करके जेल के सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, उसके मुख्य दंगाई की संपत्ति कुर्क कर दी गई है। और इतना ही नहीं, हमने कानून बना दिया है कि अब अगर किसी ने दंगा या तोड़फोड़ करने की कोशिश की तो उसके नुकसान की पूरी भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल , धन सिंह रावत, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी अपने विचार रखे। सचिव नियोजन आर.मीनाक्षी सुन्दरम की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
शिलान्यास की गई प्रमुख योजनायें-
उत्तराखंड ईन्टीग्रेटेड एण्ड रेजिलिएन्ट अर्बन डेवलेपमेन्ट प्रोजेक्ट (ए.डी.बी.) 162.90 करोड़। उत्तराखंड ईन्टीग्रेटेड एण्ड रेजिलिएन्ट अर्बन डेवलेपमेन्ट प्रोजेक्ट – एडिशनल फाइनेन्सिंग (ए.डी.बी.) 2163.37 करोड़। उत्तराखण्ड लिवेबिलिटी इम्प्रूवमेन्ट प्रोजेक्ट (ए.डी.बी.)- 373.20 करोड़। उत्तराखंड लिवेबिलिटी इम्प्रूवमेन्ट प्रोजेक्ट (ए.डी.बी.)- 240.25 करोड़।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में मुनि की रेती और ढालवाला (8-0 एमएलडी एसटीपी), नीलकंठ महादेव (1-5 एमएलडी एसटीपी), जोंक-स्वर्गाश्रम (3-0 एमएलडी एसटीपी) के लिए अवरोधन और डायवर्जन (आईएंडडी) और एसटीपी – 94 रुपये -06 करोड़। सपेरा बस्ती, देहरादून में रिस्पना और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (15 एमएलडी) का 1&डी कार्य – 78-99 करोड़। ऋषिकेश (जोन जीएसजेड-1, जोन पीएसजेड-4ए, जोन पीएसजेड-4बी, जोन पीएसजेड-4सी और जोन पीएसजेड-5) के तहत सीवरेज नेटवर्क, हाउस कनेक्शन और सीवेज पंप स्टेशन की आपूर्ति, बिछाने, जोड़ने, निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग करना। पैकेज-5 – 183-68 करोड़ रुपये का है।
ए.डी.बी. द्वारा बाह्य सहायतित उत्तराखण्ड क्लाइमेट रिजिलिअन्ट पावर सिस्टम डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत देहरादून शहर के प्रमुख मार्गों की उपरीगामी विद्युत लाइनों को भूमिगत किये जाने का कार्य 977.03 करोड़। ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित रिवैम्प्ड रिस्ट्रिब्यूशन सैक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में एडवांस मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर। सर्विस प्रोवाइडर के कार्य 2027.11 करोड़ का है।
लोकार्पण की गई प्रमुख योजनायें-
जनपद पिथौरागढ़ के विकास खण्ड धारचूला में काली नदी के दाँये पार्श्व पर स्थित घटगाड़ नाले से टैक्सी स्टैण्ड तक तटबन्ध सुदृढ़ीकरण की योजना (भाग-2 एवं भाग-3)। मा. मुख्यमंत्री घोषणा संख्या-64/2019) 91.83 करोड़ । नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत रिस्पना एवं बिन्दाल नदी में आई.एण्ड.डी. कार्य (केन्द्र पोषित) – 67.39 करोड़। ऋषिकेश देहात पम्पिंग पेयजल योजना (बाह्य सहायतित) 65.55 करोड़। जीवनगढ़ पम्पिंगं पेयजल योजना (बाह्य सहायतित) 60.56 करोड़। नथनपुर पम्पिंगं पेयजल योजना (बाह्य सहायतित) 66.61 करोड़। ढ़ालीपुर जल विद्युत परियोजना (3ग17 मे.वा. का नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण) 152.65 करोड़।
इस मौके पर सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक विनोद चमोली, सरिता आर्या, दुर्गेश्वर लाल, शक्ति लाल शाह, मोहन सिंह बिष्ट, संजय डोभाल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशू, शैलेश बगाली, सचिव कुर्वे, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य उच्चाधिकारी और बड़ी संख्या में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी आदि उपस्थित थे।