वाराणसी । ज्ञानवापी में सर्वे को लेकर गुरुवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद पूरे शहर में हाई अलर्ट है। जिला प्रशासन ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए पूरी तैयारी कर चुका है। शुक्रवार सुबह सात बजे से ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम करेंगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद एएसआई की टीम शहर में आ गई है। ज्ञानवापी परिसर में एएसआई के आगरा, लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज, पटना सहित कई शहरों के विशेषज्ञ सर्वे कार्य में शामिल होंगे।
पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने ज्ञानवापी परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के बाद कहा कि एएसआई के सर्वे में किसी तरह का व्यवधान नहीं होगा। हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि एएसआई ने शुक्रवार से सर्वे कराने के लिए हमसे सहयोग मांगा है। हमसे जितना होगा उतना सहयोग करेंगे।
गौरतलब हो कि सर्वे में जीपीआर तकनीक का प्रयोग होगा। इसमें बिना जमीन की खुदाई किए 10 मीटर गहराई तक धातु व अन्य संरचनाओं के बारे में जानकारी मिल जाती है। बताया जा रहा है कि पुरातात्विक इतिहास जानने के लिए जमीन का खनन नहीं करना पड़ता है। सर्वे में परिसर के अंदर जमीन में दबी वस्तुओं का सटीक पता लगाने की यह अचूक तकनीक है। इसमें धातु व पत्थर की मूर्तियों, उपकरणों व अन्य संरचनाओं की उम्र, आकार, तत्व का आकलन संभव है। जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) तकनीक बिना जमीन का मूल स्वरूप बिगाड़े अंदर दबी कंक्रीट, धातु, पाइप, केबल या अन्य वस्तुओं का पता लगा लेती है। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन सिग्नल से सटीक आकार भी पता चल जाता है।