नई दिल्ली। आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने की बाद दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी द्वारका के सर्वोदय विद्यालय नसीरपुर में बोलते हुए रो पड़ीं। जनसभा में सिसोदिया को मिली जमानत के बाद भावुक होकर उन्होंने सब को बधाई देते हुए कहा, “दिल्ली में शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया को 17 महीने तक एक झूठे केस में फंसा कर जेल में बंद रखा गया। मैं दिल्ली के बच्चों को बधाई देना चाहती हूं। दिल्ली की शिक्षा क्रांति के जनक को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।”
बता दें, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। वो शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार व धन शोधन मामलों में 17 महीने से जेल में थे। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। हालांकि सिसोदिया को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया को लंबे समय से जेल में रखा गया है। बिना सजा के किसी को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि निचली अदालत ने राइट टू स्पीडी ट्रायल को अनदेखा किया है और मेरिट के आधार पर जमानत रद्द नहीं की थी। मनीष सिसोदिया ने सीबीआई मामले में 13 और ईडी मामले में निचली अदालत में 14 अर्जियां दाखिल की थीं।
इससे पहले मंगलवार को पीठ ने केंद्रीय एजेंसियों के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू और सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा उठाए गए तर्क सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गोवा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपये की राशि जांच के दौरान बरामद कर ली गई है। एएसजी ने कहा, “गोवा चुनाव के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी।
इसमें से हम 45 करोड़ रुपये की राशि बरामद कर चुके हैं। हमारे पास डिजिटल साक्ष्य हैं। बहुत सारे साक्ष्य हैं।” उन्होंने कहा कि सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रभारी थे और सह-आरोपी विजय नायर को रिश्वत लेने का काम सौंपा गया था। सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के लिए 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।