मेरठ। ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को न मानने से नाराज इंजीनियर और विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज मंगलवार को विक्टोरिया पार्क से मुख्य अभियंता के कार्यालय तक मशाल जुलूस निकाला।
इं. रोहित कुमार और राम आशीष कुशवाहा ने बताया कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते के क्रियान्वयन के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से प्रभावी हस्तक्षेप किये जाने की अपील की है। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन ने अपनी लापरवाही छिपाने के लिए ऊर्जा मंत्री को पूरी तरह से गुमराह किया है। हड़ताल करने के लिए बिजली कर्मियों को बाध्य किया जा रहा है।
संविदाकर्मियों ने शुरू की 72 घंटे की हड़ताल
विद्युत कर्मचारी महासंघ उप्र के द्वारा संविदा कर्मियों की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से 72 घंटे तक कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया गया। पहले दिन कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कार्य प्रभावित नहीं हुआ, लेकिन इसका असर मंगलवार को सामने आ सकता है। कर्मचारी महासंघ ने मांग करते हुए कहा है कि संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन दिया जाए।
श्रमिकों को न्यूनतम 22 हजार, लाइनमैन और एसएसओ को 25 हजार और कम्यूटर आपरेटर को 30 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाए। कर्मचारियों को ईएसआई की सुविधा दी जाए। संविदा कर्मियों का सेवाकाल 55 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किया जाए।