प्रयागराज – इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में समाजवादी पार्टी(सपा) नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान और आजम की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही रामपुर अदालत में चलेगी लेकिन वर्तमान याचिका के निर्णय तक निचली अदालत अंतिम आदेश नहीं सुनाएगी।
न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने आजम खान, उनके बेटे और आजम की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह आदेश पारित किया।
इन तीनों की ओर से अदालत से अनुरोध किया गया था कि रामपुर अदालत में फर्जी जन्मतिथि प्रमाण पत्र मामले में मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए और उन्हें कुछ और पेश करने की अनुमति दी जाए। मामले में आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला और आजम की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ रामपुर जिला अदालत में मुकदमे की कार्यवाही चल रही है। आरोप है कि अब्दुल्ला को रामपुर में विधानसभा चुनाव लड़ने के योग्य बनाने के लिए उन्होंने फर्जी जन्मतिथि हासिल की।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 हाईकोर्ट की अंतर्निहित शक्तियों के तहत हाईकोर्ट में दायर वर्तमान याचिका में तीनों ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट के समक्ष साक्ष्य के रूप में एक पेन ड्राइव और वीडियो क्लिप पेश करने की अनुमति दी जाए।
याचिका का विरोध करते हुए राज्य के वकीलों ने तर्क दिया कि यह आवेदकों की ओर से मुकदमे की कार्यवाही को विलंबित करने का एक प्रयास मात्र है।