रामपुर। रामपुर में बापू मॉल के उद्घाटन शिलापट को मुस्लिम महासंघ सपा नेता आजम खान के विरोध में उतरे नेता ने हथौड़े से तोड़ दिया गया। शिलापट पर अखिलेश और आजम खान का नाम लिखा था। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान ने कहा, “जिस व्यक्ति को वोट देने का अधिकार नहीं, उसका नाम भी कहीं दिखाई नहीं देना चाहिए।”
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आजम खान को मुल्जिम बताते हुए कहा कि प्रशासन को खुद ही नामों निशान तुड़वा देने चाहिए। अन्यथा वह खुद सारे नाम और निशान मिटा देंगे। फिलहाल मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने फरहत अली को हिरासत में ले लिया है। पूछताछ की जा रही है।
फरहत अली खान ने कहा, आजम खान को सजा हो चुकी है। वह अपराधी हैं, इसलिए उनके नाम का पत्थर नहीं लगना चाहिए। प्रशासन को उनके नाम के सभी पत्थर हटा देना चाहिए। नहीं तो वह खुद सारे नाम और निशान मिटा देंगे। हमने आजम खान के नाम का पत्थर तोड़ने का प्रयास किया है, न कि अखिलेश यादव का।
पत्थर पर हथौड़ा बजाने के बाद फरहत अपने घर चले गए। मामले की जानकारी होने पर शहर कोतवाली पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पूर्व मुख्यमंत्री के नाम का शिलापट तोड़ने के मामले में फरहत को थाने बुला लिया और हिरासत ले लिया।
दो बार हॉकी कोच के पद से हटवाया था
दरअसल, आजम खान ने सरकार में रहते हुए 2007 और 2013 में दो बार फरहत अली खान को हॉकी कोच के पद से हटवा दिया था। जिस पर उनकी मां काफी रोईं थीं। वहीं फरहत अली खान ने कहा कि आजम खान से उन्हें कोई शिकवा नहीं है, बल्कि उनके कैरेक्टर से है। उन्होंने हमेशा राष्ट्र के खिलाफ काम किए हैं। उन्होंने गरीबों के घर तोड़ दिए, जिससे वह उनसे नाराज हैं।
फरहत अली खान के घर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी है। फोटो पर मिशन मोदी, अगेन फॉर पीएम लिखा है। इसके अलावा उन्होंने भगवान राम का भी कैलेंडर लगा रखा है। उनके आंगन में तुलसी का पौधा भी लगा है। दरवाजे पर भाजपा की नेम प्लेट लगी है। वह करीब 25 साल से भाजपा से जुड़े हैं।
कुछ महीने पहले जान से मारने की मिली थी धमकी
फरहत को कुछ महीने पहले पाकिस्तान से कॉल कर जान से मारने की धमकी भी मिली थी। धमकी देने वाले ने कहा था कि अब तू मरने के लिए तैयार हो जा, किसी भी दिन और किसी भी समय तुझे मार दिया जाएगा। उन्होंने इसके खिलाफ सिविल लाइन्स कोतवाली में भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दरअसल, उन्होंने पाकिस्तान को लेकर टिपण्णी की थी कि हिंदुस्तान के व्यक्तिगत और इस्लामिक हिजाब मुद्दे पर कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठन भड़काने और बहकाने का काम कर रहे हैं।
जिन्ना को लेकर दिया था विवादित बयान
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर उपजे विवाद के बीच फरहत जिन्ना के पोस्टर जलाने वाले को एक लाख रुपए का नकद इनाम देने की भी घोषणा की थी। फरहत ने कहा था, ‘क्या पाकिस्तान के किसी भी संस्थान, शिक्षण संस्थान या कोई भी ऐसी जगह हो जहां हमारे महापुरुषों की जिन्होंने देश को आजाद कराने में शहादत दी थी, की कोई तस्वीर लगी है? क्या महात्मा गांधी की कोई तस्वीर कहीं पर लगी है? तो जिन्ना की किसी शिक्षण संस्थान या लाइब्रेरी में कैसे तस्वीर लगाई जा सकती है?’
फरहत ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदुस्तानी नेताओं को नफरत की नजरों से देखा जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का मुसलमान भी जिन्ना और पाकिस्तान को नफरत की नजर से देखता है। मुस्लिम नेता ने लोगों से अपील की कि कहीं भी जिन्ना या जिन्ना जैसे लोगों की कोई भी तस्वीर या आकृति दिखे तो उसे फाड़कर जला दें। उन्होंने कहा, ‘जो शख्स सामूहिक रूप से उसे जलाएगा या फाड़कर या उतारकर फेंकेगा, उसे एक लाख रुपए का इनाम कैश देने का ऐलान करता हूं।