मुरादाबाद। मुरादाबाद में सपा नेता यूसुफ मलिक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सपा नेता पर अपर नगर आयुक्त को दफ्तर में घुसकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत की गई कार्रवाई को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने रामपुर जेल से मलिक की तत्काल रिहाई का आदेश दिया। वहीं, राजस्व बकाया के मामले में NSA की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई है। बता दें, इस मामले में सपा नेता यूसुफ मलिक करीब एक साल से जेल में बंद हैं।
इस मामले में न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति ए. अमानुल्लाह की पीठ ने सुनवाई की। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में एक संपत्ति के बकाया राजस्व विवाद के संबंध में याचिकाकर्ता यूसुफ मलिक के खिलाफ अप्रैल, 2022 में NSA लगाने से शीर्ष अदालत काफी हैरान है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से पूछा, “क्या यह NSA का मामला है?” सुप्रीम कोर्ट ने इसे अधिकार क्षेत्र का अनुचित प्रयोग बताया। पीठ ने कहा कि यही कारण है कि राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप सामने आते हैं।
मामला 26 मार्च, 2022 का है। यूसुफ मलिक ने अपने दामाद डेनिल का मकान सील होने के बाद नगर निगम के अफसरों को जान से मारने की धमकी दी थी। नगर निगम ने 23 लाख रुपए के हाउस टैक्स के बकाए में मुरादाबाद के कटघर इलाके में डेनिल के मकान को सील किया था।
इस पर भड़के यूसुफ मलिक ने पहले अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह को फोन करके मकान की सील खोलने के लिए कहा। इनकार करने पर 26 मार्च को वह भाइयों और अन्य साथियों के साथ अपर नगर आयुक्त को ढूंढते हुए नगर निगम दफ्तर जा पहुंचे। वहां अपर नगर आयुक्त को सर्च किया। उनके नहीं मिलने पर निगम की महिला अधिकारी दीपशिखा पांडेय से भी बदसलूकी की।
यूसुफ मलिक ने ऑफिस में अपर नगर आयुक्त के नहीं मिलने पर उन्हें फोन करके कहा, “तुम मुझे नहीं जानते। मैं 20 साल पुराना गैंगस्टर हूं, कई हत्याएं कर चुका हूं। मैं आजम खान का राइट हैंड हूं और उस समय से गैंगस्टर हूं जब से मैं पायजामे का नाड़ा बांधना नहीं जानता था। यदि तुमने मेरे दामाद की कोठी की सील नहीं खोली, तो मैं तुम्हारी सरकारी कोठी को सील कर दूंगा और तुम्हारी हत्या कर दूंगा।”
इसके बाद अपर नगर आयुक्त ने सिविल लाइंस थाने में यूसुफ मलिक, उसके दामाद डेनिल, भाई यूनुस मलिक और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। बाकी आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। पुलिस यूसुफ के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई कर चुकी है। मुरादाबाद में उसकी संपत्ति को जब्त किया जा चुका है।
मुरादाबाद के तत्कालीन SSP बबलू कुमार ने यूसुफ मलिक की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का पुरस्कार घोषित किया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगी हुई थीं। इसके बाद यूसुफ फरार हो गया था। 5 अप्रैल, 2022 को उसने एक पुराने मामले में रामपुर की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से ही यूसुफ मलिक रामपुर जेल में बंद है। बाद में पुलिस ने उसके खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई की थी।
आपको बता दें कि मलिक ने जनवरी, 2023 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसमें शिकायत की गई थी कि अप्रैल, 2022 में राज्य सरकार द्वारा NSA लगाने के खिलाफ उनकी याचिका को कई बार आग्रह के बाद भी इलाहाबाद हाईकोर्ट नहीं सुन रहा है। 27 जनवरी को पीठ ने कहा था कि वह आमतौर पर हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई में देरी के खिलाफ रिट याचिका पर विचार नहीं करती है। लेकिन तथ्य काफी ठोस हैं, जो हमें नोटिस जारी करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
वहीं, यूपी सरकार ने फरवरी में इस मामले में हलफनामा दायर कर अपनी कार्रवाई को सही ठहराया था। हलफनामे में कहा था कि मलिक के खिलाफ एक और आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा 2022 में उनके दामाद से राजस्व बकाया की वसूली को लेकर एक अतिरिक्त नगर आयुक्त को धमकी देने का मामला भी दर्ज है।