लखनऊ। लखनऊ शहर के बीच में कुकरैल नदी (वर्तमान का कुकरैल नाला) को पुन: नदी के रूप में स्थापित करने के लिए उसके किनारे बसे 1200 अवैध मकानों और 102 दुकानों पर आज सुबह बाबा का बुलडोजर चल गया जिसका भारी विरोध भी हुआ । गुरुवार को सुबह से अपराह्न तक चली ध्वस्तीकरण की एलडीए की कार्रवाई के बीच में ही हाई कोर्ट का एक आदेश लेकर वहां अधिवक्ता पहुंचे और कार्रवाई पर रोक लग गयी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कुकरैल नदी में कब्जाकर बसे अकबरनगर प्रथम एवं द्वितीय में ध्वस्तीकरण पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार व एलडीए से कहा कि पहले वहां के लोगों के पुनर्वास का आवेदन करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया जाए।
आपको बता दें कि कुकरैल रिवरफ्रंट की जद में अकबर नगर की 102 दुकानें और 1200 मकान आ रहे है। इसको लेकर एलडीए ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई के आदेश दिए थे। ऐसे में स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। गुरुवार सुबह एलडीए भारी पुलिस बल के साथ अकबर नगर में ध्वस्तीकरण कार्रवाई के लिए पहुंचा। यह निर्माण 50-60 साल से भी पुराना है और यहाँ सरकारी सड़के भी बनी हुई है और नगर निगम यहाँ से टैक्स भी वसूल रहा है।
इस दौरान एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी, डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक समेत एलडीए के कई विभागीय अधिकारी और भारी पुलिस बल मौजूद रहा, बुलडोजर कार्रवाई करने से पहले ही स्थानीय लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने किसी तरह मामले को शांत कराया। इसके बाद लोगों ने रोते बिलखते अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया।
कुकरैल नदी की जमीन पर कुछ वर्ष पहले अवैध रूप से अकबर नगर फेज वन और फिर अकबर नगर फेज टू बनाया गया। जिसे एलडीए ने अवैध घोषित कर वहां रहने वाले लोगों को नोटिस दिया था। सुबह के वक्त एलडीए ने बुलडोजर लगाकर कुछ दुकानों, मकानों को ध्वस्त किया। इसी दौरान अधिवक्ताओं और भाजपा के मंडल अध्यक्ष मंगल व स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरु किया। तभी हाईकोर्ट का आदेश पत्र लेकर कुछ अधिवक्ता पहुंचें, एलडीए के अधिकारियों ने आदेश के आधार पर 22 जनवरी की अगली सुनवाई तक ध्वस्तीकरण को पूर्णत: रोक दिया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कार्यवाही का विरोध किया है, उन्होंने लिखा-सरकारें घर बनाने के लिए होती है, घरों पर बुलडोज़र चलाने के लिए नहीं। किसी का घर उजाड़ने से पहले भाजपाइयों के घरों, कार्यालयों, दुकानों और व्यापारिक-व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की वैधता जाँचकर देखें तो पता चलेगा, सबसे अधिक अवैध क़ब्ज़ा और निर्माण भाजपाइयों ने ही किया है।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंचे एलडीए के उपाध्यक्ष डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी , पुलिस उपायुक्त अपर्णा रजत कौशिक सहित अन्य अधिकारी शाम को लौट गये। कुकरैल नदी के किनारे कार्रवाई के दौरान उधर से गुजरने वाले वाहनों को डायवर्जन किया गया।जिससे कुछ प्रमुख मार्गों में जाम भी लगा।