Saturday, April 27, 2024

गौरव स्वरुप के अवैध कब्जे पर भी चले ‘बाबा का बुलडोजर’, बीजेपी नेताओ ने उठाई मांग- नगरपालिका में भी बने निगरानी समिति !

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मुजफ्फरनगर -जानसठ रोड पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और नगर पालिका परिषद की चेयरमैन मीनाक्षी स्वरुप के पति गौरव स्वरुप से जुड़ी कंपनी द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा नेताओं और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में जिला प्रशासन से सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। कार्यवाही न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

आपको बता दें कि कल ‘रॉयल बुलेटिन’ ने अपनी एक खबर में उल्लेख किया था कि भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरव स्वरूप से जुड़ी कंपनी द्वारका बालाजी कंसोर्टियम द्वारा जानसठ रोड पर स्थित द्वारका सिटी में 11000 मीटर से ज्यादा

गौरव स्वरुप की कंपनी ने भी कब्ज़ा रखी है करोड़ों की सरकारी ज़मीन, अफसरों ने स्वीकारा भी, फिर क्यों नहीं चल रहा ‘बाबा का बुलडोजर’ ?

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की सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है।  एसडीएम सदर परमानंद झा ने भी शिकायत के बाद खुद मौके पर जाकर जांच की, तो आरोपों को सत्य पाया और माना कि 11000 मीटर से ज्यादा जगह पर द्वारका बालाजी  द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह को सौंप दी थी जिन्होंने मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण को इस मामले में आगे कार्रवाई करने के लिए निर्देशित कर दिया था।

रॉयल बुलेटिन ने खबर प्रमुखता से छापी तो हड़कंप मच गया। मुजफ्फरनगर के आम लोगों में सवाल उठा कि सफेदपोश लोग करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जा करते हैं और अपने आपको समाज में समाजसेवी प्रचारित करते हैं।  आम आदमी के साथ जिले के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भी इस खबर पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे यशपाल पंवार ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यशपाल पंवार ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, कोई कितना भी बड़ा नेता हो, रसूख वाला हो, तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए और ऐसी होनी चाहिए कि नजीर बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान की सख्त कार्रवाई योगी जी को देश के उभरते हुए एक दमदार नेता के रूप में साबित करेगी। पार्टी से जुड़े कई अन्य नेताओं ने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस मामले को उन्होंने पार्टी आलाकमान और सरकार के सामने रख दिया है और जल्द ही इस मामले में प्रभावी कार्रवाई कराई जाएगी।

भारतीय अति पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष मोहन प्रजापति ने भी इस मामले में तत्काल सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, साथ ही गौरव स्वरूप की पत्नी के नगर पालिका अध्यक्ष चुने जाने के कारण संभावित गड़बड़ी को रोकने के लिए निगरानी समिति बनाने की भी मांग की है।

मोहन प्रजापति ने एक प्रेस बयान में कहा है कि एक तरफ मुख्यमंत्री योगी का बुलडोजर भू माफियाओं के खिलाफ मजबूती से चल रहा है, वही मुजफ्फरनगर में कुछ भाजपा नेता योगी की छवि को खराब करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही सपा छोड़कर भाजपा में आए नगर पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप के पति गौरव स्वरूप की कंपनी द्वारा किए गए सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे पर योगी का बुलडोजर कब चलेगा ?

उन्होंने कहा कि पुरकाजी लक्सर रोड के चौड़ीकरण के नाम पर हजारों लोगों के मकान पर सरकार का बुलडोजर चला और मुआवजा तक नहीं मिला और सैकड़ों लोग तो ऐसे हैं जिनके पूरे मकान ही हाईवे की भेंट चढ़ गए और वह लोग घर से बेघर हो गए जबकि भाजपा नेता गौरव स्वरूप द्वारा संपन्न व उद्योगपति होने के बावजूद भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया जिसकी पुष्टि एक व्यक्ति की शिकायत पर अधिकारी भी कर चुके हैं उसके बावजूद भी सरकार ऐसे लोगों को बचाने में लगी है।

उन्होंने कहा कि  रोजाना प्लाटिंग करने वालों की जमीनों को अवैध बताकर एमडीए द्वारा तोड़ा जा रहा  है तो फिर गौरव स्वरूप द्वारा किए गए अवैध कब्जों पर बुलडोजर क्यों नहीं चलता ?, सरकार सभी को एक समान समझकर गलत लोगों पर कार्रवाई करें, वहीं उन्होंने कहा कि जो इंसान संपन्न व उद्योगपति होने के बावजूद भी सरकारी जमीनों पर कब्जा कर सकता है तो इससे लगता है कि ऐसे लोग नगर पालिका को भी लूटने का कार्य कर सकते हैं इसलिए योगी सरकार मुज़फ़्फ़र नगर पालिका के विकास के लिए एक निगरानी टीम गठित करें जिससे नगरपालिका पर नजर रखी जा सके वहीं गौरव स्वरूप की कंपनी द्वारा किए गए सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की बड़ी स्तर पर जांच करवा कर कड़ी कार्रवाई करें ,नहीं तो गौरव स्वरूप के खिलाफ बड़ा आंदोलन मोर्चे द्वारा किया जाएगा।

इसी बीच कंपनी से जुड़े लोगों का दावा है कि उन्होंने जिला प्रशासन से प्रदेश सरकार को एक प्रस्ताव बनाकर भिजवा दिया है, जिसमें यह अनुरोध किया गया है कि जो 11000 मीटर जमीन, सरकार की उनके कब्जे में है, इसे कृषि भूमि मानते हुए इसका मुआवजा सरकार हमसे ले ले और ज़मीन हमे दे दे। कंपनी जल्द ही अपने जुगाड़ से शासन से यह प्रस्ताव मंजूर करा लेगी।

आपको बता दें कि जिस भूमि को कृषि भूमि बताकर उसका मुआवजा लगभग एक करोड़ 29 हज़ार बताया जा रहा है उस जमीन को 40000 से ₹70000 मीटर की दर से बेचा जा रहा है और अब वह कृषि भूमि ना होकर आवासीय भूमि है और जिसका सर्किल रेट भी ₹12500 से ज्यादा है जिसके चलते भी कम से कम ₹15 करोड़ की यह जमीन सर्किल रेट  के हिसाब से है जबकि बाजार के भाव से इसकी कीमत 50 करोड़ से भी ज्यादा है।  शिकायतकर्ता गुंजन गुप्ता के मुताबिक द्वारका सिटी में सरकार को एक हज़ार करोड़ से ज़्यादा का चूना लगाया गया है जिस पर जल्द ही और  प्रमाण वे जनता के सामने रख देंगे।

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