मुजफ्फरनगर- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराधियों और उनके शरणदाता व भू माफियाओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री की कार्यवाही में अपने-पराए का भी कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है, जो भी कानून की नजर में गलत नज़र आ रहा है, उस पर ‘योगी बाबा’ का बुलडोजर तुरंत कार्रवाई करता है।
मुजफ्फरनगर में भारतीय जनता पार्टी के नए नवेले नेता और नगर पालिका परिषद की चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप के पति गौरव स्वरूप की कंपनी द्वारा 11000 मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा करने को जिले के अफसर स्वीकार भी कर रहे हैं, उस सरकारी ज़मीन की कीमत करोडो में बता भी रहे है, लेकिन यहां ‘बाबा का बुलडोजर’ शांत है।
कल ही मुजफ्फरनगर में मोरना के ब्लाक प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के ही नेता अनिल राठी की संपत्ति अटैच की गई है। अनिल राठी पर आरोप है कि उन्होंने अपराध के जरिए संपत्ति अर्जित की है जिस पर यह कार्रवाई की गई है। अनिल राठी की संपत्ति अटैच के साथ ही ज़िले में यह भी साफ संकेत जनता में गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में अपने पराए के नाम पर भी गलत काम पर कोई छूट नहीं है।
भाजपा से पिछले काफी समय से जुड़े होने के बावजूद भी अनिल राठी के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है लेकिन मुजफ्फरनगर में ही नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप के पति गौरव स्वरूप के खिलाफ एक व्यापारी द्वारा की गई शिकायत पर जांच करने के बाद अफसरों ने स्वीकारा भी, कि गौरव स्वरूप की कंपनी ने 11000 मीटर सरकारी जमीन कब्जा रखी है, लेकिन वहां बाबा का बुलडोजर नहीं पहुंच रहा है।
मामला जानसठ रोड स्थित द्वारका सिटी से जुड़ा है। द्वारका सिटी गौरव स्वरूप, एसडी एसो के आकाश कुमार और अजय बंसल आदि द्वारा बनाई गई कॉलोनी है। इसी में दी न्यू एसडी पब्लिक स्कूल स्थापित है। मुजफ्फरनगर में उत्तरी सिविल लाइन निवासी गुंजन गुप्ता ने इस सोसाइटी के बनने पर कई बार शिकायतें की है और वे पिछले कई साल से लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अभी 23 मई 2023 को आखिरकार गुंजन गुप्ता को पहली बार सफलता मिली है, जब सरकारी अधिकारियों ने लिखित रूप में स्वीकार किया है कि इस कंपनी द्वारा कई अनियमितताएं की गई है।
उप जिलाधिकारी सदर परमानंद झा द्वारा अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह को दी गई एक रिपोर्ट में कई अन्य बिंदुओं को स्वीकार करते हुए यह माना गया है कि कंपनी द्वारा सरकारी नाली व चकरोड आदि की 11000 मीटर से ज़्यादा जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है और सार्वजनिक संपत्ति नाली चकरोड आदि को बाउंड्री वाल के अंदर ले लिया गया है। एसडीएम सदर ने स्वीकारा है कि उन्होंने मौके पर जाकर जांच की और कंपनी के कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लिया।
उन्होंने स्वीकारा कि मेरे द्वारा अभिलेखों का परीक्षण कर पाया गया कि ग्राम शेरनगर में 15 किते चक मार्ग जिसका क्षेत्रफल 8050 वर्ग मीटर और ग्राम बीबीपुर में 10 किते भूमि नाली चक मार्ग जिसका क्षेत्रफल 3330 वर्ग मीटर है इसको कंपनी द्वारका बालाजी कंसोर्सियम द्वारा अपनी संपत्ति में मिला लिया गया है। उप जिलाधिकारी ने यह तो लिखा है कि जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार यदि इस संपत्ति को कृषि भूमि भी मान लिया जाए तो भी शेरनगर की भूमि का मूल्यांकन 96 लाख 60 हजार और गांव बीबीपुर की सार्वजनिक भूमि का मूल्यांकन 33 लाख 20 हज़ार होता है लेकिन सरकारी भूमि पर कब्ज़ा करने वालों पर बुलडोजर कब चलेगा ?,इसके बारे में उन्होंने कोई रिपोर्ट नहीं दी है।
प्रदेश की योगी सरकार की साफ नीयत है कि भू माफियाओं को मिट्टी में मिला दिया जाएगा, चाहे वह कितने भी ताकतवर हो, लेकिन मुजफ्फरनगर के अफसर जांच में यह तो पा रहे हैं कि 11000 मीटर से ज्यादा सरकारी भूमि गौरव स्वरूप और उनकी कंपनी ने कब्ज़ा रखी है तब भी मुजफ्फरनगर के अफसरों का बुलडोजर शांत है ?
मुजफ्फरनगर के अफसर रोज अलग-अलग जगह जाकर प्लाटिंग कर रहे लोगों पर बुलडोजर चलाते हैं, अवैध निर्माण के नोटिस देते हैं, बुलडोजर चलाने की धमकी देते हैं, पुरकाजी में गरीबो के दशकों पुराने आशियाने ढहा देते है, अवैध निर्माण पर वृंदावन गार्डन जैसे लोगों को अपना पुराना बैंकट हॉल भी तोड़ना पड़ता है, पर क्या गौरव स्वरूप जैसे लोग योगीराज में भी कानून से ऊपर हैं ? यह मुजफ्फर के अफसरों पर एक बड़ा सवाल है ? कल तक सपा की बदौलत अरबपति बने गौरव स्वरुप आदि क्या योगी राज में भी संरक्षण पाते रहेंगे ?
अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि उप जिला अधिकारी की रिपोर्ट जैसे ही उन्हें प्राप्त हुई थी, उन्होंने अगले दिन ही यह रिपोर्ट मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण को भेज दी थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण को इस जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था। अब यह मामला मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण में लंबित है मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण को ही इसमें आगे कार्रवाई करनी है।
शिकायतकर्ता गुंजन गुप्ता ने बताया कि इस कंपनी के बनाने के समय उनकी निजी भूमि भी इन्होने कब्ज़ा ली थी, अगर जिला प्रशासन से उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में जायेंगे और ज़रुरत पड़ी तो हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल करेंगे।
द्वारका बालाजी से जुड़े अजय बंसल ने बताया कि उनके पास इसके मालिकान हक़ से जुड़े सभी कागजात है, उन्होंने मेहमान आने का बहाना बनाकर फोन काट दिया।