लखनऊ – प्रचंड गर्मी के बीच उत्तर प्रदेश में विद्युत आपूर्ति में सुधार की कवायद में जुटी योगी सरकार ने लखनऊ से 27 अधिकारियों की टीम को अलग अलग जिलों में भेजने का निर्णय लिया है। ये अधिकारी जनपदों में नोडल अधिकारी के तौर पर कार्य करेंगे और विद्युत व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने हाल ही में भीषण गर्मी के चलते विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने अघोषित बिजली कटौती पर नाराजगी जताते हुए फीडरवाइज जिम्मेदारी तय करने को कहा था। इसी क्रम में यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने शक्ति भवन में तैनात अधिकारियों को जनपदों की विद्युत व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी दी है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने विद्युत व्यवस्था में और बेहतर सुधार तथा उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिलों में की जा रही कार्यवाही की निगरानी के लिए कारपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का निर्णय लिया है। इन अधिकारियों में प्रबंध निदेशक और निदेशक स्तर के अधिकारी शामिल हैं। यूपीपीसीएल ने इन सभी को प्रदेश के विभिन्न जनपदों का नोडल अधिकारी बनाया है।
अध्यक्ष द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 27 अधिकारी 19 जून से 21 जून तक अपने आवंटित जनपदों का भ्रमण कर पांच बिंदुओं (विद्युत आपूर्ति, क्षतिग्रस्त पावर एवं वितरण परिवर्तको की स्थिति, वर्कशॉप में वितरण प्रवर्तक की उपलब्धता की स्थिति, स्टोर में सामग्री की उपलब्धता की स्थिति तथा विद्युत आपूर्ति संबंधित शिकायतों के निस्तारण की स्थिति) का विश्लेषण एवं अनुश्रवण करके अपनी आख्या 22 जून को कॉर्पोरेशन मुख्यालय को प्रस्तुत करेंगे।
इसी बीच उत्तर प्रदेश में भयंकर गर्मी और विद्युत की मांग को देखते हुए विद्युत व्यवस्था को सुचारू और बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने हर जोन को एक करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती पर नाराजगी जताते हुए ऊर्जा मंत्री और यूपीपीसीएल के अध्यक्ष व अन्य अधिकारियों को अतिरिक्त बिजली खरीदकर आम जनमानस को उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए थे और कहा था कि जरूरत पड़े तो बिजली खरीदकर आपूर्ति की जाए। सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है। सीएम के निर्देश के बाद यूपीपीसीएल ने यह कदम उठाया है।
यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और दक्षिणांचाल विद्युत वितरण निगम को इस संबंध में पत्र भेजकर सूचित किया है। निर्देशों के साथ पत्र में लिखा गया है कि वर्ष 2022-23 के अंतर्गत बिजनेस प्लान के तहत विभिन्न कार्यों के लिए आपके निदेशक मंडल द्वारा बहुत पहले ही अनुमोदन दिया जा चुका है। इसी क्रम में आगे की कार्यवाही की जा रही है।
वर्तमान ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए बिजनेस प्लान के अंतर्गत विभिन्न आवश्यक कार्यों को करने के लिए आपके वितरण निगम के प्रत्येक जोनल मुख्य अभियंता को एक करोड़ रुपए तक व्यय करने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की जाती है कि इसका कार्योत्तर अनुमोदन निदेशक मंडल से बिना विलंब प्राप्त कर लिया जाए। कार्य संपादन के क्रम में समस्त नियमों का अनुपालन अवश्य सुनिश्चित किया जाए।
इससे पहले, मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे की विद्युत शिडयूल के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित हो इसके लिए यूपीपीसीएल अध्यक्ष ने सभी प्रबंध निदेशकों को निर्देशित किया है। यदि कहीं किसी कारण से 18 घंटे की विद्युत आपूर्ति न हो पाए तो उसकी पूर्ति दूसरी पारी में सुनिश्चित की जाए। अध्यक्ष ने लो वोल्टेज की समस्या के निदान के लिए निर्देश देते हुए कहा है कि ग्रीष्म काल में आद्रता की कमी के कारण उपभोक्ताओं को लो-वोल्टेज की समस्या का सामना करना पड़ता है जिसके निदान के लिए पारेषण उपकेन्द्रों से वोल्टेज बढ़ाएं। उपभोक्ताओं को लो-वोल्टेज को दूर करने के तकनीकी उपाय से अवगत कराया जाए।
प्रत्येक फीडर की आपूर्ति वितरण हानि, राजस्व फीडर संबंधी समस्त कार्य की मॉनिटरिंग के लिए अवर अभियंता स्तरीय कार्मिकों को समर्पित रूप से फीडर मैनेजर नियुक्त किया गया है। वर्तमान गर्मी के मौसम और बढ़ती हुई विद्युत मांग को देखते हुए यह आवश्यक है कि फीडर मैनेजरों द्वारा उन्हें सौंपी गई फीडर एवं फीडरों की आपूर्ति में यदि कोई व्यवधान उत्पन्न होता है तो उसे तत्काल ठीक कराया जाए और प्रत्येक दशा में आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ बनाए रखा जाए। लोकल फाल्ट आता है तो इसे तत्काल ठीक कराना सुनिश्चित किया जाए। यदि किसी फीडर मैनेजर एवं अवर अभियन्ता द्वारा जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन नहीं किया जाता तो तत्काल उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
अध्यक्ष ने यह भी निर्देशित किया है कि विद्युत आपूर्ति संबंधी समस्याओं के तत्काल निराकरण के लिये विद्युत वितरण निगम मुख्यालय एवं जनपद स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम के माध्यम से प्रभावी निगरानी व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। कंट्रोल रूम के कांटेक्ट नंबर को स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं उपभोक्ताओं के साथ अवश्य साझा किया जाए।