बरेली। हस्तशिल्प कारोबार के लिए अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक अर्बन हाट तैयार हो गया है। 157 करोड़ में बना अर्बन हाट उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। 4.5 हेक्टेयर जमीन पर बरेली हाट को बनाया जा रहा है। बरेली हाट के बनाए जाने का मकसद है कि यहां के पारंपरिक उद्योग को अंतरराष्ट्रीय मार्केट का नया माहौल मिल सके और भारतीय कला एवं संस्कृति को विश्व स्तर पर दिखाने के लिए अलग पहचान बन सके। बरेली के बांस और बेंत के फर्नीचर की भी एक अलग पहचान है, यहां का बना फर्नीचर विदेशों तक सप्लाई किया जाता है। जरी जरदोजी ने दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाई है।
लखनऊ और दिल्ली हाईवे के बीच कला और सांस्कृतिक तौर पर इस हाट को तैयार किया गया है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत तैयार बरेली हाट बनने से शिल्प बाजार में यहां के उत्पादों को एक अलग पहचान मिलेगी। स्थानीय कारीगरों को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ ही हस्त निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए यह बड़ा अंतरराश्ट्रीय केंद्र मिल जाएगा। इस हाट को बीच शहर में गांधी उद्यान से चंद कदमों की दूरी पर विकास भवन के पास बनाया है। बरेली हाट में विश्व स्तर की प्रदर्शनी गैलरी, सूचना एवं व्याख्यान सेंटर बनाया गया है। स्टेट आन दा आर्ट आडिटोरियम और चर्खी झूला भी बनाया जा रहा है।
संस्कृति को पहचान दिलाएगा
हस्तशिल्प के छात्रों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के अलावा एक जनपद एक उत्पाद के लिए भी यह स्थान उपयुक्त है। यहां डी क्राफ्ट केंद्र भी बनाया है। भव्य कला एवं संस्कृति केंद्र भी बना है, जो यूपी और देश की संस्कृति को पहचान दिलाएगा। एक मूवी थियेटर, अलग-अलग फर्नीचर स्टोर, फूड गैलरी, स्मारिका शाप भी इसमें बनाए गए हैं। बरेली हाट की इस बहुमंजिला बिल्डिंग में संगमरमर, शीशा और टाइल्स का प्रयोग किया गया है।
हस्तशिल्प बाजार बनेगा बरेली हाट
बरेली के महापौर डा. उमेश गौतम का कहना है कि यह उप्र का पहला हाट है, जिसे इतने बड़े स्तर पर बनाया है। इसका डिजाइन गुजरात की तर्ज पर रखा गया है। उप्र का यह ऐसा प्रोजेक्ट होगा, जिसमें प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की कला और संस्कृति को एक साथ देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मार्च से पहले ही इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन होगा। बरेली हाट के बनने के बाद रोजगार को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ ही कार्य कौशल के लिए हैंडीक्राफ्ट लैब में ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
हस्त निर्मित उत्पादों की बिक्री का होगा यह बड़ा अंतरराष्ट्रीय केंद्र
डा. उमेश गौतम के अनुसार हस्तशिल्प के उत्पाद हस्तशिल्प के छात्रों को नई दिशा देंगे, जहां एक छत के नीचे हस्तशिल्प के सभी उत्पाद मिल सकेंगे। हाट में एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग में जाने के लिए चौड़ी-चौड़ी सड़कें बनाई जा रही हैं। साथ ही अलग-अलग स्थानों पर गोलाकार सीढ़ियां बनाई गई हैं। पहले इसका नाम अर्बन हाट था, लेकिन अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पुनर्निर्माण में इसे बरेली हाट का नाम दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट से शहर की कला को संवारा जा सकेगा और रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। स्थानीय कारीगरों को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ ही हस्त निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए यह बड़ा अंतरराष्ट्रीय केंद्र मिल जाएगा।