उन्होंने ऐसी खबरों को भी खारिज किया और कहा कि यह केवल मीडिया की देन है और हो सकता है कि कुछ नेता इस तरह की खबरें प्लांट करवा रहे हों।
उन्होंने कहा, हाईकमान और कांग्रेस पार्टी इतनी मजबूत है कि ऐसी स्थिति कभी पैदा नहीं होगी जहां किसी को मनाने की पेशकश की जाए। ऐसा कभी नहीं हुआ, ऐसा कभी नहीं होगा.., उन्होंने कहा।
यह बैठक पायलट के उस अल्टीमेटम के बाद हो रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस महीने के अंत तक उनकी तीन मांगें नहीं मानी गईं तो वह राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।
पायलट ने अपनी कई मांगों में से एक के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित घोटालों की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (आरपीसीसी) में जुलाई 2020 से ही भारी अंदरूनी उथल-पुथल है, जब पायलट ने विद्रोह किया था।
विद्रोह के बाद उपमुख्यमंत्री रहे पायलट को पद से हटा दिया गया था। उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया था।
इसके बाद से राज्य में पार्टी के भीतर संकट कायम है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, खड़गे उनकी चिंताओं को समझने के लिए दोनों से अलग-अलग मुलाकात करेंगे।
हालांकि सूत्र ने दोनों नेताओं द्वारा अपने मतभेदों को दूर करने पर संयुक्त बैठक की संभावना से इनकार नहीं किया।
भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर 11 अप्रैल को जयपुर में पायलट एक दिवसीय भूख हड़ताल के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने यह बैठक बुलाई है।