नई दिल्ली। नई दिल्ली जिला स्थित जं तर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन का आज आठ वां दिन है। इस बीच सुबह पहलवानों के धरने को समर्थन देने के लिए भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद भी जंतर-मंतर पहुंचे हैं। इस मौके पर चंद्रशेखर ने कहा, ‘ये लड़ाई पार्टी, जाति या धर्म की नहीं है, बल्कि यह लड़ाई इंसाफ की है। सरकार कह रही है कि ये जाट आंदोलन है. आज सरकार प्रदर्शन को धर्म के चश्मे से देख रही है।’
जंतर-मंतर पर पहुंचकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने केंद्र की सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि देश में आज न्याय के लिए लोगों को प्रदर्शन करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस एफआईआर दर्ज कर रही है। भाजपा सरकार में लगातार लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है। कोई सुनने वाला नहीं है।
देश का मान सम्मान है और नाम ऊंचा करने वाली आज हमारी बेटियों को अपने ऊपर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद एफआईआर हो रही है।
उन्होंने कहा कि जब पहली बार उन्होंने धरना प्रदर्शन दिया था, तब भी उनको सपोर्ट था। लेकिन तब पहलवानों ने किसी भी राजनीतिक दल या लोगों के आने पर रोक लगा रखी थी। जब पहलवानों ने खुले मंच पर कहा कि हमें सब की जरूरत है। तब भीम आर्मी हमेशा से ही देश हित के लिए काम करती रही है और हो रहे अत्याचार को लेकर आवाज उठाती रही है। आज जब हमारे देश की आन-बान-शान पहलवान धरने पर बैठे हैं, तो भीम आर्मी की तरफ से पूरा सपोर्ट इन के लिए रहेगा और यह अकेला भीम आर्मी नहीं हर व्यक्ति इनके समर्थन में खड़ा है। लाखों लोग पहलवानों के समर्थन में खड़े हैं।
चंद्रशेखर रावण ने आगे कहा कि किस तरह से भाजपा की सरकार एक व्यक्ति को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। एक तरफ सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है, दूसरी तरफ हमारे देश की बेटियों पर अत्याचार हो रहा है, शोषण हो रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया। यह लड़ाई अब इनकी लड़ाई नहीं है। पूरे देश की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि ये मान-सम्मान की लड़ाई है और सभी जानते हैं बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर कितने आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। फिर भी उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शनिवार को प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को समर्थन देने पहुंचे थे। उन्होंने देशभर के लोगों से पहलवानों को समर्थन देने और जंतर मंतर पहुंचने की अपील की थी।