प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बीएचयू वाराणसी के निलम्बित छात्रों के मामले में विश्वविद्यालय के अधिकारियों की तरफ से उचित प्रतिक्रिया न मिल पाने के कारण कुलपति को 24 अप्रैल को इस मामले में सहयोग के लिए अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह आदेश न्याय हित एवं छात्रों के भविष्य को देखते हुए दिया है।
कोर्ट ने 20 अप्रैल को बीए आनर्स भूगोल की छठे सेमेस्टर की शुरू हो रही परीक्षा में याची को बैठने देने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 24 अप्रैल को दो बजे होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने छात्र विनीत मिश्र की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याची के आचरण को लेकर उसे निलम्बित किया गया है। जिसकी अवधि 20 अप्रैल 23 को समाप्त हो रही है। कोर्ट ने याची को परीक्षा में बैठने की अनुमति तो दे दी है, साथ ही कहा कि परिणाम कोर्ट की अनुमति लिए बगैर घोषित नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई छात्रों के मामले हैं जिन पर कोर्ट का ध्यान खींचा गया है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का स्पष्ट रुख नहीं आ रहा। हालांकि विश्वविद्यालय के अधिवक्ता हेम प्रताप सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के आचरण एवं व्यवहार पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रहा है। इस पर कोर्ट ने कुलपति को तलब किया है।