Saturday, November 23, 2024

मुज़फ्फरनगर में बीजेपी जिलाध्यक्ष के घर से ही निकले पार्टी विरोधी स्वर, बीजेपी पर ‘सपा का कब्ज़ा’, प्रदेश अध्यक्ष खुद मनाने आये !

मुजफ्फरनगर- भारतीय जनता पार्टी द्वारा मुजफ्फरनगर नगर पालिका के लिए घोषित पार्टी प्रत्याशी मीनाक्षी स्वरूप ने आज अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल कर दिया है और अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है, वहीं पार्टी में उनका विरोध मुखर होना शुरू हो गया है,उनके समर्थन में उनके परिवार के सैकड़ों समर्थकों के आज भाजपा में शामिल होने का भी पार्टी में विरोध हो रहा है। भाजपाई अपने दफ्तर पर सपा का कब्ज़ा देखकर अपनी पार्टी को ही ‘भारतीय समाजवादी पार्टी’ कहने लगे है। स्थानीय स्तर पर विरोध इतना बढ़ रहा है कि खुद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को मुजफ्फरनगर आना पड़ा है और वह पार्टी कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी में जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला समेत 2 दर्जन से अधिक नेता और कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद के लिए पार्टी सिंबल चाहते थे, सभी ने अपने आवेदन भी पार्टी को दे रखे थे, इन्हीं आवेदनों में समाजवादी पार्टी से पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने पर, भाजपा में आए गौरव स्वरूप भी शामिल थे। गत दिवस पार्टी ने जो सूची जारी की उसमें गौरव स्वरुप की पत्नी मीनाक्षी स्वरुप को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया, जिन्होंने आज अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। मीनाक्षी स्वरूप को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने का पार्टी में मुखर विरोध शुरू हो गया है और इस बार भी विरोध की शुरुआत पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला के घर से ही हुई है।

2017 में भी भारतीय जनता पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से आए अरविंद राज शर्मा की पत्नी सुधा राज शर्मा को पार्टी प्रत्याशी बना दिया था, पार्टी की इस घोषणा का उस समय भी विरोध हुआ था और वर्तमान जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला समेत इस बार टिकट चाहने वाले ज्यादातर भाजपा नेता और कार्यकर्ता उस समय विरोध में उतर आए थे और शिवमूर्ति पर धरना देकर बैठ गए थे।

इस बार भी सपा से आए गौरव स्वरुप की पत्नी को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाते ही विरोध शुरू हो गया, जिनके विरोध में पहले तो केवल पंजाबी समाज के नेता कुश पुरी ने ही मुखर होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन कोई और बड़ा नेता अभी तक खुलकर सामने नहीं आया था। आज भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला के परिवार से ही विरोध के स्वर मुखर हुए हैं।  विजय शुक्ला के छोटे भाई योगी शुक्ला ने सोशल मीडिया पर पार्टी के इस फैसले का विरोध करते हुए तीखी टिप्पणी की है।

योगी शुक्ला ने लिखा है कि आज कार्यकर्ताओं को हराकर पार्टी ने अपनी हार निश्चित कर ली, एक बार फिर पार्टी ने 2017 वाला इतिहास दोहरा दिया है, तो अब कार्यकर्ता भी पहले वाला परिणाम दोहराएंगे। उन्होंने लिखा है कि 2017 में बसपा से आए व्यक्ति को और अब सपा से आए व्यक्ति को, आज मुजफ्फरनगर में पार्टी के स्वर्णिम दौर का दुखद अंत हो गया है।  योगी ने लिखा है कि जिन लोगों की वजह से यह हो रहा है उनका भी अंत अत्यंत दुखद होगा।

योगी ने उन लोगों का स्पष्ट नाम तो नहीं लिखा है लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान और प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल की तरफ है, क्योंकि संजीव बालियान द्वारा गौरव स्वरूप का टिकट कराए जाने और कपिल देव अग्रवाल द्वारा भी गौरव के घर पर ‘बैठक कर’ उनके टिकट पर सहमति जताई जाने की कार्यकर्ताओं में चर्चा आम है।

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन अपना दल के जिला अध्यक्ष विनय मित्तल ने भी तीखी प्रतिक्रिया की है। उन्होंने लिखा है -टिकट चाहिए, पैराशूट से आइए ,दरी बिछाने वाले बहुत हैं।

इनके साथ साथ नई मंडी से पार्टी के पूर्व सभासद रहे विपुल भटनागर ने भी भारतीय जनता पार्टी को आज ‘भासपा’ बताया है। विपुल भटनागर ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यालय आज भारतीय समाजवादी पार्टी कार्यालय नजर आ रहा था, वहां जब भाजपा के कार्यकर्ता पहुंचे तो गौरव स्वरूप और उनके समर्थकों का कब्जा था इसलिए  भाजपा अब मुजफ्फरनगर में भारतीय समाजवादी पार्टी लग रही है।

भाजपा के एक और नेता ने कहा कि नयी मंडी के वार्ड 33 का ही जिक्र करें तो गौरव स्वरूप के साथ आए विकल्प जैन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं जबकि वह गौरव स्वरूप के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं।  उनके सामने पार्टी ने प्रियांशु जैन का टिकट किया हुआ है,  पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने असमंजस की स्थिति यह है कि वह इनमें से किसे  पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी मानकर उसका काम करें और गौरव स्वरूप इनमें से किसके लिए मतदाताओं से अपील करेंगे क्योंकि एक पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी है, तो दो उनके परिवार के समर्थक हैं। इसी तरह वार्ड 36  में भी पार्टी ने अचिंत मित्तल की पत्नी पारुल मित्तल को टिकट दिया है जबकि उनके सामने दीपक गोयल पूर्व सभासद के रूप में चुनाव मैदान में है, दीपक गोयल पार्टी में गौरव स्वरुप के परिवार के साथ शामिल हुए हैं। इसी वार्ड से गौरव के समर्थक शलभ गुप्ता ने भी सोनिया सिंघल का निर्दलीय नामांकन कराया है।

ऐसा ही विवाद मुजफ्फरनगर के कई अन्य वार्डों में है जहां पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता टिकट ना मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में कूद गए हैं। जिनमे अमित पटपटिया, कँवर पाल वर्मा, नरेश मित्तल, संजय सक्सेना , प्रियांक गुप्ता आदि शामिल है।मुजफ्फरनगर में पार्टी में इस अंतर्द्वंद की स्थिति इतनी विकट हो गई है कि प्रदेश नेतृत्व भी सतर्क हो गया है और खुद

पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को आज मुजफ्फरनगर आना पड़ा है। भूपेंद्र चौधरी ने भाजपा दफ्तर में नाराज नेता और कार्यकर्ताओं को बुलाकर उन्हें समझाने का प्रयास शुरू कर दिया है। खबर लिखे जाने तक भूपेंद्र चौधरी मुजफ्फरनगर के भाजपा कार्यालय में उपस्थित थे और पार्टी कार्यकर्ताओं को समझा कर वापस पार्टी के प्रति एकजुट करने की कोशिश कर रहे थे. प्रदेश अध्यक्ष अपने प्रयास में कितना सफल होंगे इसका पता तो 13 मई को ही लग पाएगा।बीजेपी के बड़े नेताओं को उम्मीद है कि उनकी पार्टी के परिवार है और एक दो दिन में सबको मनाकर पार्टी के काम में जूता लेंगे।

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