पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी (नंबर BR01CL0077) एक बार फिर नियमों का उल्लंघन करते हुए पाई गई है। इस बार गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट 4 अगस्त 2024 को समाप्त हो गया था, बावजूद इसके यह गाड़ी सड़कों पर चल रही थी। इसके साथ ही, गाड़ी का इंश्योरेंस भी फेल बताया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री की गाड़ी का चालान रोहतास जिले के करगहर प्रखंड में यात्रा के दौरान कटा। नीतीश कुमार मंगलवार को रोहतास के कुसही बेतिया गांव में DM दिनेश कुमार राय के पिता की पुण्यतिथि में शामिल होने पहुंचे थे। चालान टोल पर रोहतास जाते समय काटा गया। हालांकि, चालान के वक्त मुख्यमंत्री गाड़ी में मौजूद नहीं थे।
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यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री की गाड़ी पर नियमों का उल्लंघन करते हुए कार्रवाई की गई हो। इससे पहले 23 फरवरी 2024 को सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण इस गाड़ी पर 1000 रुपये का चालान कटा था। लेकिन अब तक वह जुर्माना भी जमा नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री की सरकारी गाड़ी बार-बार नियमों का उल्लंघन करते हुए पाई जा रही है, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नियमों की अवहेलना और जुर्माने का भुगतान नहीं किया जाना एक गंभीर मुद्दा है, खासकर जब यह गाड़ी राज्य के मुख्यमंत्री से संबंधित हो।
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यातायात नियमों के विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्यमंत्री या सरकारी गाड़ी होने से किसी को नियमों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं मिलता। इस मामले में जुर्माने की राशि समय पर जमा करना और गाड़ी के सभी दस्तावेज अद्यतन रखना अनिवार्य है।
सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों के बीच यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। जनता का कहना है कि जब मुख्यमंत्री की गाड़ी ही नियमों का पालन नहीं कर रही, तो आम नागरिकों से इसकी अपेक्षा कैसे की जा सकती है।