नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार, जो अपनी मुफ्त बिजली और पानी योजनाओं के लिए जानी जाती है, गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने गुरुवार को सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार का बढ़ता राजकोषीय घाटा भ्रष्टाचार का परिणाम है।
कपिल मिश्रा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल अक्सर कहते थे कि ईमानदारी से काम करने पर सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं होती। लेकिन दिल्ली सरकार का भ्रष्टाचार साबित करता है कि यह दावा गलत है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली के इतिहास में पहली बार राजकोषीय घाटा इस स्तर तक बढ़ा है, जो राजधानी के लिए “दुर्भाग्यपूर्ण” है।
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मिश्रा ने बताया कि दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और दिल्ली जल बोर्ड (DJB) जैसे प्रमुख विभाग भारी घाटे में चल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम का निजीकरण कर दिया गया है और अब यह आर्थिक संकट में है। जल बोर्ड लगभग ₹70,000 करोड़ के घाटे में है। मिश्रा ने कहा कि सड़क मरम्मत और स्ट्रीट लाइट सुधारने के लिए भी सरकार के पास धन नहीं है।
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भाजपा नेता ने चेतावनी दी कि दिल्ली सरकार के पास सिर्फ दो महीने का धन बचा है। यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो जाएगा।
मिश्रा ने दावा किया कि यह वित्तीय संकट मुफ्त बिजली और पानी देने की योजनाओं के कारण नहीं, बल्कि सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और लूट की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा, “घाटा ₹7,000 करोड़ का नहीं है, यह कई लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। यह भ्रष्टाचार और लूट का परिणाम है, न कि जनता को दी जा रही सुविधाओं का।”
भाजपा ने दिल्ली सरकार की वित्तीय स्थिति को लेकर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य को केंद्र से पर्याप्त धन मिलने के बावजूद इस स्तर पर पहुंचना चिंताजनक है। मिश्रा ने कहा, “दिल्ली सरकार ने राज्य को ऐतिहासिक घाटे में धकेल दिया है, और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।”